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भारत और पाकिस्तान के बीच शनिवार शाम से संघर्षविराम लागू हो गया है। यह फैसला ऐसे समय पर लिया गया है जब दोनों देशों के बीच सैन्य तनाव चरम पर पहुंच चुका था। पाकिस्तान की ओर से की गई पहल के बाद भारत ने संघर्षविराम पर सहमति दी। इस बात की पुष्टि भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने की। उन्होंने बताया कि दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच बातचीत के बाद यह फैसला हुआ।
फोन कॉल में बनी सहमति, 12 मई को फिर होगी चर्चा
शनिवार दोपहर करीब 3:35 बजे पाकिस्तानी डीजीएमओ ने भारतीय डीजीएमओ को फोन किया। दोनों के बीच तय हुआ कि शाम 5 बजे से जमीन, हवा और समुद्र में किसी भी प्रकार की सैन्य कार्रवाई और गोलीबारी रोक दी जाएगी। दोनों पक्षों को इस निर्णय को लागू करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। इसके अलावा, 12 मई को दोपहर 12 बजे दोनों सैन्य अधिकारी फिर से बातचीत करेंगे ताकि आगे की रणनीति तय की जा सके।
एस. जयशंकर ने जताई प्रतिबद्धता: आतंक के खिलाफ भारत का रुख अडिग
संघर्षविराम की पुष्टि करते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा,
"भारत और पाकिस्तान के बीच आज गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनी है। भारत ने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खिलाफ लगातार दृढ़ और अडिग रुख अपनाया है और वह ऐसा करना जारी रखेगा।"
संघर्षविराम की घोषणा से ठीक पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 'ट्रुथ' सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा:
"रात में अमेरिका की मध्यस्थता में हुई लंबी बातचीत के बाद मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और पाकिस्तान पूर्ण और तत्काल संघर्षविराम पर सहमत हो गए हैं। मैं दोनों देशों को समझदारी से भरा यह फैसला लेने के लिए बधाई देता हूं।"
इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों के साथ अलग-अलग बातचीत की थी। उन्होंने पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से भी संपर्क साधा। अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने शनिवार सुबह बयान जारी कर बताया था कि अमेरिका ने तनाव कम करने और संवाद बहाली के लिए समर्थन देने की पेशकश की है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद बिगड़े थे हालात
भारत द्वारा 7 मई को पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर चलाए जाने के बाद हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए थे। जवाब में पाकिस्तान ने 15 भारतीय शहरों को निशाना बनाने की कोशिश की, जिससे स्थिति नियंत्रण से बाहर जाती दिख रही थी।
नजर अब 12 मई की बातचीत पर
अब जब युद्धविराम लागू हो गया है, सभी की निगाहें 12 मई को होने वाली अगली डीजीएमओ स्तर की वार्ता पर टिकी हैं। यह देखना अहम होगा कि क्या यह संघर्षविराम लंबे समय तक टिका रह सकेगा या फिर यह भी पूर्व के समझौतों की तरह जल्द ही टूट जाएगा।
Baten UP Ki Desk
Published : 10 May, 2025, 7:15 pm
Author Info : Baten UP Ki