बड़ी खबरें
भारत में साइबर सुरक्षा को लेकर एक बड़ी चेतावनी सामने आई है। IBM की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, देश में डेटा उल्लंघनों के कारण इस साल 22 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में 13% ज्यादा है। चौंकाने वाली बात यह है कि दुनियाभर में सबसे ज़्यादा नुकसान भारत में ही दर्ज किया गया है।
डेटा चोरी का बढ़ता खतरा: जानिए क्या कहती है रिपोर्ट?
IBM की "Cost of a Data Breach Report 2025" के अनुसार:
2024 में यह आंकड़ा ₹19.5 करोड़ था, जो अब बढ़कर ₹22 करोड़ हो गया है।
18% डेटा चोरी के मामले फिशिंग और धोखाधड़ी वाले संचार के जरिए हुए।
17% मामलों में तीसरे पक्ष (Third-party vendors) और सप्लाई चेन को निशाना बनाया गया।
भारत में अनुसंधान (Research Sector) को सबसे बड़ा झटका लगा, जिसकी औसत हानि ₹28.9 करोड़ रही।
AI तेजी से बढ़ा, लेकिन सिक्योरिटी पीछे छूटी
IBM इंडिया और साउथ एशिया के टेक्नोलॉजी वाइस प्रेसिडेंट विश्वनाथ रामास्वामी ने बताया:
"AI का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन सिक्योरिटी और गवर्नेंस पर उतना ध्यान नहीं दिया जा रहा। एक्सेस कंट्रोल और एआई गवर्नेंस टूल्स की कमी सिर्फ तकनीकी चूक नहीं, बल्कि एक रणनीतिक कमजोरी है।"
60% संगठनों के पास AI गवर्नेंस नीति नहीं है।
कंपनियां बिना सुरक्षा ढांचे के सीधे AI को अपनाने में लगी हैं।
20 वर्षों में IBM ने 6,500 से ज्यादा डेटा उल्लंघनों का अध्ययन किया है।
कौन-कौन से सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित हुए?
सेक्टर | औसत नुकसान (₹ करोड़ में) |
---|---|
अनुसंधान | 28.9 |
परिवहन | 28.8 |
औद्योगिक | 26.4 |
AI सुरक्षा नीति (Governance Policy) को प्राथमिकता देना होगा।
फिशिंग और सप्लाई चेन अटैक्स पर नियंत्रण के लिए आधुनिक साइबर सुरक्षा टूल्स अपनाने होंगे।
AI गवर्नेंस फ्रेमवर्क, एक्सेस कंट्रोल और डेटा एन्क्रिप्शन को मजबूत करना होगा।
AI के साथ तेजी, पर क्या सुरक्षा भी साथ चल रही है?
तेजी से डिजिटल होती दुनिया में डेटा सुरक्षा अब विकल्प नहीं, ज़रूरत है। भारत जैसे बड़े और टेक्नोलॉजी-ड्रिवन देश में अगर सुरक्षा को नजरअंदाज किया गया, तो नुकसान सिर्फ करोड़ों का नहीं, भविष्य का भी हो सकता है। अब वक्त है AI को सुरक्षा के साथ अपनाने का — नहीं तो हर नया कदम एक डिजिटल खतरा बन सकता है।
Baten UP Ki Desk
Published : 8 August, 2025, 3:19 pm
Author Info : Baten UP Ki