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डोनाल्ड ट्रम्प की धमकी आखिरकार रंग लाई — 100 से ज्यादा देशों ने अमेरिका के साथ ट्रेड डील कर ली। बीफ टैक्स फ्री हुआ, बोइंग प्लेन की डील साइन हुई, और अरबों डॉलर के निवेश का वादा भी। लेकिन इस ‘इकोनॉमिक प्रेशर गेम’ में कुछ देश ऐसे भी रहे, जिन्होंने झुकने से इनकार कर दिया। भारत, चीन, ब्राजील, कनाडा, और दक्षिण अफ्रीका ने ट्रम्प की शर्तों को ठुकरा दिया — नतीजा: अब ये देश 25% से 50% तक के अमेरिकी टैरिफ झेल रहे हैं।
ट्रम्प का टेरर: समझौता या सज़ा!
ट्रम्प ने अप्रैल में ऐलान किया था — जो देश अमेरिका के सामानों पर टैरिफ लगाएंगे, उन पर भी अमेरिका भारी टैरिफ लगाएगा। 90 दिन का अल्टीमेटम मिला। 31 जुलाई तक जिसने डील नहीं की, उसे टैरिफ की सीधी मार झेलनी पड़ी।
5 बड़े देश, जो झुके अमेरिका के सामने:
ब्रिटेन: बीफ और एथेनॉल टैक्स फ्री किया, बदले में टैरिफ घटा।
जापान: अमेरिका से 100 बोइंग विमान खरीदने का वादा।
EU: ₹51 लाख करोड़ का निवेश और एनर्जी डील साइन की।
साउथ कोरिया: $100B की एनर्जी डील और निवेश का वादा।
इंडोनेशिया: टैक्स फ्री एक्सेस दी और 50 बोइंग प्लेन खरीदने पर सहमति दी।
लेकिन भारत समेत 5 देश नहीं माने…
1.भारत: "हम मांसाहारी गाय का दूध नहीं लेंगे!"
ट्रम्प भारत के डेयरी और एग्री सेक्टर में घुसना चाहते थे — वो भी ऐसे प्रोडक्ट्स के साथ जो भारत की आस्था और किसानों के हितों के खिलाफ थे। भारत ने इनकार कर दिया, और अब 25% टैरिफ झेल रहा है। इसके अलावा, MSME और घरेलू बाजार को बचाने की भी बड़ी वजह रही।
2.चीन: "सरकारी कंपनियों को सब्सिडी मिलती रहेगी!"
ट्रम्प चाहते थे कि चीन अपनी सरकारी कंपनियों को सब्सिडी देना बंद करे। चीन ने मना कर दिया — और अब अमेरिका से ट्रेड वॉर चल रहा है। जवाब में चीन ने भी टैरिफ लगाए हैं।
3.ब्राजील: "राजनीति में दखल मंजूर नहीं!"
ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ कार्रवाई को ट्रम्प ने ‘अन्याय’ बताया। नाराज़ होकर 50% टैरिफ लगाया गया। लेकिन ब्राजील ने झुकने से इनकार कर दिया।
कनाडा ने फिलिस्तीन को अलग देश मानने का ऐलान किया — अमेरिका भड़क गया। 10% अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया गया। कनाडा ने भी झुकने से इनकार किया।
दक्षिण अफ्रीका पर 30% टैरिफ लगा है। वजह? अमेरिका को उसका रूस, चीन और ईरान से दोस्ती पसंद नहीं।
अब आगे क्या? ये देश टैरिफ की चोट से कैसे निपटेंगे?
भारत, ब्राजील और साउथ अफ्रीका जैसे देश अब एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका में नए ट्रेंड मार्केट ढूंढ रहे हैं।
ब्राजील और भारत अपने MSME और किसानों को राहत पैकेज दे रहे हैं ताकि अमेरिकी टैरिफ का असर कम हो।
भारत, चीन और ब्राजील ने अमेरिका की टैरिफ पॉलिसी के खिलाफ WTO में शिकायत दर्ज कराई है। मामला अब इंटरनेशनल लेवल पर गरम है।
ट्रम्प का अगला कदम क्या होगा?
विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रम्प का ये टैरिफ गेम सिर्फ ट्रेड बैलेंस नहीं, राजनीतिक दबाव का हथियार भी है। अमेरिका अगले चुनाव से पहले अपनी पोजिशन और मजबूत करना चाहता है — लेकिन सवाल ये है कि क्या हर देश उसकी बात मानेगा?
अमेरिका को न कहकर भारत ने दिखाई ताकत
भारत ने अमेरिका के आगे नहीं झुकने का जो फैसला लिया है, वह न सिर्फ साहसिक है, बल्कि आत्मनिर्भरता की दिशा में एक ठोस कदम भी है। हालांकि चुनौतियां रहेंगी, लेकिन इससे भारत की पॉलिसी और व्यापार दोनों का कद वैश्विक स्तर पर और ऊंचा हो सकता है।
Baten UP Ki Desk
Published : 6 August, 2025, 1:18 pm
Author Info : Baten UP Ki