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Article 51 के सहारे जंग की जमीन तैयार कर रहा पाकिस्तान? जानिए क्या है ये नियाम...

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7 मई 2025 को भारत द्वारा पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर किए गए "ऑपरेशन सिंदूर" के बाद भारत-पाक रिश्तों में नया मोड़ आ गया है। इस सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कार्रवाई में भारत ने POK और पाकिस्तान के अंदर 9 आतंकी ठिकानों को टारगेट किया और 100 से ज्यादा आतंकियों को ढेर कर दिया। ये कार्रवाई उस भीषण आतंकी हमले के जवाब में की गई जिसमें 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। इस ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान की सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) की आपात बैठक बुलाई, जिसकी अध्यक्षता खुद प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने की। और यहीं से आया एक बयान जिसने अंतरराष्ट्रीय राजनीति का पारा चढ़ा दिया।

पाकिस्तान ने क्या कहा?

NSC के बयान में कहा गया कि पाकिस्तान को UN चार्टर के अनुच्छेद 51 (Article 51) के तहत आत्मरक्षा का अधिकार है, और वह "अपनी पसंद के समय, स्थान और तरीके से" भारत को जवाब देगा। साफ शब्दों में कहें तो पाकिस्तान ने संकेत दे दिया है कि वह चुप नहीं बैठेगा — पर कब और कैसे पलटवार करेगा, ये वो खुद तय करेगा।

आखिर क्या है UN चार्टर का अनुच्छेद 51?

संयुक्त राष्ट्र चार्टर का अनुच्छेद 51 हर देश को Self-Defence यानी आत्मरक्षा का अधिकार देता है। इसका मतलब ये है कि यदि किसी देश पर सशस्त्र हमला होता है, तो वह देश UN से इजाज़त लिए बिना भी जवाबी कार्रवाई कर सकता है।

लेकिन इसमें एक शर्त भी है:

  • जवाबी कार्रवाई के बाद, देश को UN सुरक्षा परिषद (UNSC) को इसकी सूचना देनी होती है।

  • अगर सुरक्षा परिषद खुद कार्रवाई करने लगे, तो उस देश को अपनी सैन्य कार्रवाई रोकनी होती है।

कब बना था यह नियम?

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, 26 जून 1945 को अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में 50 देशों ने मिलकर UN Charter को तैयार और साइन किया। इसे 24 अक्टूबर 1945 को लागू कर दिया गया। इस चार्टर का मकसद था — दुनिया में शांति बनाए रखना, टकराव रोकना, और किसी देश को अपनी मनमानी से रोकना।

भारत का पक्ष क्या है?

भारत का साफ कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर आत्मरक्षा की कार्रवाई थी। पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठनों ने भारत पर हमला किया, जिसमें निर्दोष लोगों की जान गई। भारत ने टेरर लॉन्च पैड्स पर निशाना साधा — न कि आम नागरिकों या सैन्य ठिकानों पर। यानी भारत भी Article 51 के तहत ही कार्रवाई कर रहा है।

अब आगे क्या होगा?

पाकिस्तान के बयान से साफ है कि वह अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी इस मामले को उठाएगा और संभवतः सैन्य प्रतिक्रिया की तैयारी भी कर सकता है। ऐसे में सवाल ये है कि क्या यह अनुच्छेद 51 अब एक कानूनी कवच बना है — या एक राजनीतिक हथियार? UN का अनुच्छेद 51 आत्मरक्षा के अधिकार को सुनिश्चित करता है, लेकिन इसका गलत इस्तेमाल भी कई बार देखा गया है। भारत और पाकिस्तान दोनों इसे अपने-अपने हिसाब से व्याख्यायित कर रहे हैं। ऐसे में आने वाले दिन यह तय करेंगे कि कूटनीति भारी पड़ती है या गोलियों की गूंज।

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