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वैश्विक सर्वेक्षण में 78 फीसदी भारतीय मौजूदा आर्थिक स्थिति से संतुष्ट, ये देश है सबसे अव्वल

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एक वैश्विक सर्वेक्षण में, 78% भारतीयों ने देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति को सकारात्मक बताया है, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 4% अधिक है। इप्सोस की इस मासिक रिपोर्ट में दुनिया के 29 देशों के नागरिकों की चिंताओं और आर्थिक दृष्टिकोण का विश्लेषण किया गया है। सर्वे के अनुसार, भारत इस सूची में सिंगापुर के बाद दूसरे स्थान पर है जहां सबसे अधिक लोग देश की आर्थिक स्थिति को बेहतर मानते हैं। इसके विपरीत, जापान में 86% लोगों ने अपने देश की आर्थिक स्थिति को खराब बताया है, जिससे यह सर्वाधिक चिंतित देशों में शुमार है।

दुनिया की चिंताओं में बदलाव: अब हिंसा और अपराध सबसे बड़ी चिंता

वैश्विक परिदृश्य में अब महंगाई की तुलना में हिंसा और अपराध सबसे बड़ी चिंता बनकर उभरे हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण यह बदलाव देखने को मिला है। इस सर्वे में 31% लोगों ने अपराध और हिंसा को प्रमुख चिंता माना, जो पिछले कुछ महीनों में बढ़ा है। महंगाई को लेकर भारतीयों की चिंता में कमी देखी गई है, और अब केवल 30% लोग इसे सबसे बड़ी समस्या मानते हैं।

भारतीयों की टॉप-5 चिंताएं: बेरोजगारी पर भी घटा तनाव

भारत में महंगाई, बेरोजगारी, गरीबी-असमानता, अपराध-हिंसा और राजनीतिक भ्रष्टाचार प्रमुख चिंताओं में शामिल हैं। हालांकि, बेरोजगारी को बड़ी चिंता मानने वाले लोगों में पिछले एक साल में 9% की कमी आई है। केवल 28% भारतीय ही इसे बड़ी चिंता मान रहे हैं। वहीं, महंगाई को बड़ी चिंता मानने वाले लोगों में भी सालभर में 8% की कमी आई है। सर्वे के अनुसार, इन सभी चिंताओं पर भारत के लोग अब थोड़ा अधिक आश्वस्त हैं।

जलवायु परिवर्तन पर चिंता: भारतीय और विश्व स्तर पर अपेक्षाकृत कम

हालांकि भारत और अन्य देशों में जलवायु परिवर्तन के कारण बड़े स्तर पर नुकसान हो रहा है, परंतु इसे लेकर चिंता बहुत कम दिखी। सर्वे में केवल 13% भारतीयों ने जलवायु परिवर्तन को एक प्रमुख चिंता बताया। वैश्विक स्तर पर भी केवल 16% लोगों ने इसे चिंता का विषय माना है। पाकिस्तानी और चीनी सीमाओं के तनाव के बावजूद केवल 10% भारतीय ही सैन्य संघर्ष को एक प्रमुख चिंता मानते हैं।

सर्वे के आंकड़ों में झलकती भारत की बदलती मानसिकता

  1. अपराध-हिंसा: भारत में 31% लोग इसे बड़ी चिंता मानते हैं, जिसमें एक साल में 1% की कमी आई है, परंतु पिछले एक माह में 2% की बढ़त देखी गई।
  2. महंगाई: केवल 30% लोग इसे चिंता का विषय मानते हैं, जो पिछले एक साल में 8% और एक माह में 2% की गिरावट है।
  3. गरीबी-असमानता: 29% लोगों ने इसे बड़ी चिंता बताई, जिसमें पिछले एक साल में 2% और मासिक आधार पर भी 2% की कमी आई।
  4. बेरोजगारी: इसे बड़ी चिंता मानने वालों में एक साल में 2% और मासिक आधार पर 1% की कमी देखी गई।
  5. राजनीतिक भ्रष्टाचार: इसे प्रमुख चिंता मानने वालों में भी 1% की कमी आई, हालांकि एक माह में यह आंकड़ा 1% बढ़ा।

दुनिया की तुलना में भारतीयों की सोच: यूरोप शांत, एशिया चिंतित-

इप्सोस सर्वे के अनुसार, दक्षिण अमेरिका का चिली अपराध-हिंसा को लेकर सबसे अधिक चिंतित देश है, जबकि हंगरी इस मामले में सबसे शांत है। तुर्किए में 57% लोग महंगाई को सबसे बड़ी चिंता मानते हैं, जबकि स्वीडन में यह आंकड़ा केवल 17% है। गरीबी-असमानता को लेकर थाईलैंड सबसे अधिक चिंतित है, जबकि सिंगापुर में सबसे कम लोगों को यह चिंता है।

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