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2 देशों में दुश्मनी की जड़ बना 1000 साल पुराना मंदिर, जानिए क्यों मच गई तबाही!

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सांस्कृतिक विरासत अब संघर्ष का कारण बन गई है। थाईलैंड और कंबोडिया के बीच 1000 साल पुराने दो प्राचीन शिव मंदिरों को लेकर सीमा पर शुरू हुआ विवाद अब खूनी जंग का रूप ले चुका है। लगातार दूसरे दिन गोलाबारी जारी रही, जिसमें अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है और एक लाख से अधिक नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

सांस्कृतिक मंदिरों से उठी जंग की चिंगारी

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच यह विवाद दो ऐतिहासिक मंदिरों—प्रीह विहियर (प्रिय विहार) और ता मुएन थॉम—को लेकर है, जो 1000 साल पुराने हिंदू स्थापत्य का अद्भुत उदाहरण हैं। हालांकि दोनों मंदिर यूनेस्को की हेरिटेज साइट्स में शामिल हैं, लेकिन दोनों देश इन पर अपना दावा जताते आ रहे हैं।

गोलियों की गूंज और विस्थापन का दर्द

शुक्रवार को सीमा पर हुए हमले में थाईलैंड के 15 नागरिकों की मौत हुई है, जिनमें 1 सैनिक और 14 आम लोग शामिल हैं। कंबोडिया ने अब तक अपने हताहतों की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है, लेकिन कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में एक सैनिक के मारे जाने की बात कही गई है। थाई सरकार के अनुसार, अब तक 1 लाख से ज्यादा लोगों को सीमा से सटे इलाकों से सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है।

भारत ने जारी की ट्रैवल एडवाइजरी

थाईलैंड स्थित भारतीय दूतावास ने भारतीय नागरिकों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है, जिसमें उन्हें सीमा से सटे 7 थाई राज्यों—उबोन रत्चथानी, सुरिन, सिसाकेत, बुरीराम, सा काओ, चंथाबुरी और ट्राट—में जाने से बचने की अपील की गई है।

इतिहास से उपजा वर्तमान तनाव

प्रीह विहियर मंदिर को लेकर 1962 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने फैसला कंबोडिया के पक्ष में दिया था, लेकिन मंदिर के आस-पास की ज़मीन को लेकर विवाद बरकरार रहा। 2008 में मंदिर को वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित किए जाने के बाद विवाद फिर भड़क उठा। 2013 में कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि मंदिर और उसका परिसर कंबोडिया का हिस्सा है, लेकिन थाई सेना अब भी इस क्षेत्र में अपनी गतिविधियों को बढ़ा रही है।

क्यों भड़का संघर्ष?

  • 28 मई: एमरॉल्ड ट्राइंगल क्षेत्र (जहां थाईलैंड, कंबोडिया और लाओस की सीमाएं मिलती हैं) में दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने आईं। एक कंबोडियाई सैनिक की मौत हुई।

  • गुरुवार: कंबोडिया ने आरोप लगाया कि थाई सैनिकों ने ता मुएन थॉम मंदिर के पास कंटीले तार लगाए और ड्रोन व फायरिंग शुरू की।

  • थाई सेना का पलट आरोप—संघर्ष की शुरुआत कंबोडिया की ओर से हुई थी।

PM की कुर्सी भी गई!

15 जून को थाई PM पाइतोंग्तार्न शिनवात्रा ने कंबोडिया के प्रधानमंत्री से फोन पर बातचीत के दौरान अपनी ही सेना की आलोचना की। यह बातचीत लीक हो गई और देशभर में आक्रोश फैला। इसके बाद थाई कोर्ट ने PM को पद से हटा दिया।

अब आगे क्या?

दोनों देशों की सेनाएं अब भी सीमा पर डटी हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तनाव को कम करने के प्रयास जारी हैं, लेकिन फिलहाल मंदिरों की छाया में शांति की कोई किरण नजर नहीं आ रही है।

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