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भारत और यूनाइटेड किंगडम (UK) के बीच तीन साल से चल रही बातचीत आखिरकार मुकाम पर पहुंच गई है। गुरुवार को लंदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की मौजूदगी में फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर हस्ताक्षर हुए। इस एग्रीमेंट को भारत सरकार की कैबिनेट से पहले ही मंज़ूरी मिल चुकी थी, और अब यह ब्रिटिश संसद की अनुमति का इंतज़ार करेगा।
क्या है इस डील की खासियत?
इस मुक्त व्यापार समझौते के तहत भारत से ब्रिटेन को होने वाले 99% उत्पाद निर्यात पर आयात शुल्क (टैरिफ) या तो पूरी तरह खत्म किया जाएगा या काफी घटाया जाएगा। इसका अर्थ है कि भारत के टेक्सटाइल, जेम्स-ज्वेलरी, फुटवियर, खिलौने और लेदर प्रोडक्ट्स जैसे लेबर-इंटेंसिव सेक्टर को अब ब्रिटेन में सस्ती कीमतों पर एक्सेस मिलेगा। वहीं ब्रिटेन की कंपनियों को भी भारत में व्यापार करने में आसानी होगी। भारत स्कॉच व्हिस्की, लग्जरी कारों और कुछ अन्य हाई-वैल्यू प्रोडक्ट्स पर टैरिफ को घटाकर 15% से 3% तक कर देगा।
क्या-क्या चीजें सस्ती होंगी?
भारत में सस्ती होंगी:
ब्रिटिश लग्जरी कारें (जैसे Jaguar, Land Rover)
स्कॉच व्हिस्की और वाइन
फर्नीचर, होम डेकोर, इलेक्ट्रॉनिक्स
ब्रांडेड ब्रिटिश कपड़े और फैशन आइटम्स
ब्रिटेन में सस्ती होंगी:
भारतीय ज्वेलरी और रत्न
हैंडलूम, होमवेयर, फुटवियर
टेक्सटाइल और खिलौने
कितना बढ़ेगा व्यापार?
वर्तमान में भारत-UK के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग ₹6 लाख करोड़ के आसपास है। इस डील के जरिए 2030 तक इसे ₹10 लाख करोड़ (120 बिलियन डॉलर) तक ले जाने का लक्ष्य तय किया गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, डील से हर साल लगभग ₹3 लाख करोड़ का अतिरिक्त व्यापार संभव हो सकता है।
युवाओं और नौकरियों के लिए क्या मायने?
इस एग्रीमेंट से न केवल व्यापार बढ़ेगा, बल्कि डिजिटल, इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी, मार्केटिंग और सप्लाई चेन जैसे क्षेत्रों में नए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। भारतीय MSMEs के लिए यह डील एक नई ग्लोबल विंडो खोल सकती है।
घरेलू कंपनियों को होगा कॉम्पिटिशन
UK से सस्ती स्कॉच व्हिस्की के आने से भारतीय प्रीमियम शराब ब्रांड्स को कड़ी टक्कर मिल सकती है। हालांकि इससे उपभोक्ताओं को ज्यादा विकल्प और बेहतर कीमतों पर उत्पाद मिलने का रास्ता खुलेगा।
क्यों है ये डील खास?
यह भारत का पहला बड़ा FTA किसी G7 देश के साथ है।
डील को स्कॉच व्हिस्की एसोसिएशन ने “एक पीढ़ी में एक बार आने वाला समझौता” बताया है।
भारत की 1 ट्रिलियन डॉलर निर्यात योजना (2030 तक) को पूरा करने में यह डील अहम भूमिका निभा सकती है।
UK में बसे लाखों भारतीयों के लिए भी यह डील व्यापार और सांस्कृतिक जुड़ाव को और मजबूत बनाएगी।
आगे क्या?
अब यह समझौता ब्रिटिश संसद से पास होना बाकी है, जिसमें 6 महीने से 1 साल का समय लग सकता है। भारत ने हाल के वर्षों में UAE, ऑस्ट्रेलिया, मॉरीशस और यूरोपियन फ्री ट्रेड एसोसिएशन (EFTA) के साथ भी ऐसे समझौते किए हैं, और अब EU के साथ फ्यूचर एग्रीमेंट की तैयारी में है। भारत-UK FTA सिर्फ व्यापार का समझौता नहीं, बल्कि यह एक नई वैश्विक साझेदारी की नींव है। इससे दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाएं, रोज़गार, और तकनीकी एक्सचेंज को नई रफ्तार मिलने की उम्मीद है।
Baten UP Ki Desk
Published : 24 July, 2025, 3:57 pm
Author Info : Baten UP Ki