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क्या टलेंगे यूपी पंचायत चुनाव? नगरीय विस्तार से बदलेगा पूरा शेड्यूल!

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उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव से पहले एक बड़ा प्रशासनिक फेरबदल होने जा रहा है। सरकार ने संकेत दिए हैं कि राज्य में पंचायत चुनाव से पहले नगरीय क्षेत्रों की सीमाओं का विस्तार किया जाएगा। इसके चलते ग्राम पंचायतों के परिसीमन और मतदाता सूची के संशोधन पर फिलहाल अस्थायी रोक लगाई जाएगी।

1 अगस्त से बदलेगा पंचायत चुनाव का रोडमैप?

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, इस संबंध में औपचारिक आदेश 1-2 अगस्त तक जारी हो सकता है। इससे पहले, 21 मई को पंचायतीराज विभाग ने एक शासनादेश जारी कर नगर निकायों के गठन और सीमा विस्तार पर रोक लगा दी थी। इसी आदेश के तहत पंचायत चुनावों के लिए वार्ड परिसीमन और मतदाता सूची संशोधन की प्रक्रिया 18 जुलाई से शुरू हो चुकी है।

97 नए नगर निकाय, 107 का सीमा विस्तार प्रस्तावित

वर्तमान में प्रदेश में 97 नए नगर निकायों के गठन और 107 निकायों के सीमा विस्तार के प्रस्ताव लंबित हैं। नगर विकास विभाग ने हाल ही में पंचायतीराज विभाग से 21 मई के शासनादेश को रद्द करने का अनुरोध किया था, ताकि नगरीय ढांचे का पुनर्गठन हो सके। हालांकि, अब तक इस अनुरोध पर सरकार की ओर से कोई अंतिम निर्णय नहीं आया है, लेकिन मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के हालिया बयान ने तस्वीर साफ कर दी है। उन्होंने कहा कि "पहले नगरीय क्षेत्रों के विस्तार के प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा, उसके बाद चुनावी प्रक्रियाएं आगे बढ़ेंगी।"

मतदाता सूची संशोधन भी रुकेगा

इस निर्णय का सीधा असर राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान पर भी पड़ेगा। आयोग ने 11 जुलाई को इसकी रूपरेखा जारी की थी, लेकिन अब इस पर भी विलंब तय माना जा रहा है।

क्या होगा असर?

इस फैसले से पंचायत चुनावों की तिथि आगे खिसक सकती है, वहीं ग्रामीण से नगरीय क्षेत्रों में आने वाले इलाकों में विकास कार्यों की योजना और बजटीय आवंटन में भी बदलाव संभव है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि नगरीय ढांचे का पुनर्गठन पंचायत चुनावों से पहले निपटा लिया जाए, ताकि किसी भी प्रशासनिक या राजनीतिक उलझन से बचा जा सके।

पंचायत चुनावों से पहले यूपी के नगरीय नक्शे में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। यह कदम भविष्य की नगर योजनाओं, जनसंख्या प्रबंधन और प्रशासनिक सुविधा के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है।

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