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'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद पाकिस्तान की नई साजिश, साइबर अटैक से भारत को घाव देने की कोशिश!

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ऑपरेशन सिंदूर में भारत द्वारा की गई सटीक सैन्य कार्रवाई से पाकिस्तान को करारा झटका लगा है। आतंकी ठिकानों के तबाह होने और उसकी सैन्य कमजोरी के उजागर होने के बाद अब पाकिस्तान एक नए मोर्चे पर हमला करने की फिराक में है—साइबर युद्ध का मोर्चा। भारत की साइबर सुरक्षा एजेंसी CERT-In (कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम) ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि पाकिस्तान अब भारत के महत्वपूर्ण संस्थानों और वित्तीय ढांचे को निशाना बनाने की योजना बना रहा है।

DDoS अटैक से मचाना चाहता है इंटरनेट पर कोहराम

पाकिस्तानी हैकर्स के निशाने पर हैं भारत के सरकारी विभाग, बैंकिंग सेक्टर, और निजी संस्थानों की वेबसाइट्स। जानकारी के अनुसार, हाल ही में कई DDoS (Distributed Denial of Service) हमलों की कोशिशें की गईं, जिनमें भारी मात्रा में ट्रैफिक भेजकर वेबसाइट्स को ठप करने और फिर उनमें सेंध लगाने की कोशिशें शामिल थीं। CERT-In ने इन खतरों को गंभीरता से लेते हुए सभी अहम संस्थानों को साइबर अलर्ट पर रहने के निर्देश जारी किए हैं।

CERT-In और नैसकॉम ने मिलाया हाथ

सरकार केवल सरकारी सिस्टम नहीं, बल्कि निजी सेक्टर को भी साइबर सुरक्षा मजबूत करने के निर्देश दे रही है। CERT-In अब नैसकॉम के साथ मिलकर एक पुख्ता साइबर सुरक्षा ढांचा तैयार कर रही है, ताकि भविष्य में किसी भी डिजिटल हमले को तुरंत नाकाम किया जा सके। योजना है कि एक ऐसा नेशनल साइबर थ्रेट इंटेलिजेंस नेटवर्क तैयार किया जाए जो दुश्मन की हर ऑनलाइन चाल को पहले ही पकड़ ले।

राजस्थान सरकार की वेबसाइट भी बनी थी टारगेट

सूत्रों की मानें तो पहलगाम हमले के बाद ही भारत ने साइबर सुरक्षा को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरतनी शुरू कर दी थी। इसी दौरान पाकिस्तानी हैकर्स ने राजस्थान सरकार की एक वेबसाइट को हैक करने की कोशिश की थी, जो नाकाम रही। यह साफ है कि भारत की डिजिटल सीमाएं अब नया युद्धक्षेत्र बन चुकी हैं, और CERT-In इस मोर्चे पर तैनात है।

भारत साइबर वार में भी पूरी तरह तैयार

भारत ने साफ कर दिया है कि अब युद्ध केवल बॉर्डर पर नहीं लड़ा जाएगा, बल्कि डिजिटल मोर्चे पर भी जवाब दिया जाएगा। ऑपरेशन सिंदूर ने जो संदेश ज़मीन पर दिया, CERT-In उसी संदेश को साइबर स्पेस में दोहराने की तैयारी में है—“भारत चुप नहीं बैठेगा, चाहे हमला मिसाइल से हो या माउस से!” सभी संस्थानों को सलाह दी जाती है कि वे अपने नेटवर्क की सुरक्षा की समीक्षा करें, फायरवॉल और सिक्योरिटी प्रोटोकॉल को अपडेट करें, और CERT-In द्वारा जारी सभी गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करें।

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