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बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर के लिए एक बड़ी चेतावनी आई है — और ये किसी आम साइबर एक्सपर्ट की ओर से नहीं, बल्कि ChatGPT बनाने वाली कंपनी OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन की तरफ से दी गई है। उन्होंने कहा है कि AI अब इतनी ताकतवर हो चुकी है कि इंसानों की आवाज की हूबहू नकल करके बैंकिंग सिस्टम को धोखा देना बेहद आसान हो गया है।
वॉइसप्रिंट अब सुरक्षित नहीं:ऑल्टमैन की सख्त चेतावनी
वॉशिंगटन में आयोजित फेडरल रिजर्व के एक सम्मेलन में बोलते हुए ऑल्टमैन ने कहा,
“मुझे सबसे ज्यादा जो चीज डराती है, वह यह है कि आज भी कई वित्तीय संस्थान वॉइसप्रिंट को प्रमाणीकरण के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। यह पूरी तरह पागलपन है, क्योंकि AI अब इसे मात दे चुका है।”
AI वॉयस टूल्स अब किसी भी इंसान की आवाज, टोन, एक्सेंट और बोलने के तरीके की नकल कर सकते हैं — और वो भी सिर्फ कुछ सेकंड की रिकॉर्डिंग से।
क्या है वॉइसप्रिंटिंग, और अब यह क्यों खतरनाक हो गया है?
वॉइसप्रिंटिंग एक बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन सिस्टम है, जिसमें यूजर अपनी पहचान को एक खास वाक्य बोलकर प्रमाणित करता है। ये सिस्टम अमीर ग्राहकों और हाई-सेक्योरिटी अकाउंट्स में प्रयोग किया जाता था। लेकिन अब, AI द्वारा सिर्फ एक कॉल रिकॉर्डिंग या सोशल मीडिया से उठाए गए ऑडियो के आधार पर उस वाक्य को हूबहू दोहराया जा सकता है।
AI वॉयस स्कैम्स: एक नई डिजिटल महामारी
AI आधारित वॉयस क्लोनिंग से जुड़े स्कैम्स में पिछले 1 साल में दुनिया भर में सैकड़ों करोड़ की ठगी की गई है। भारत, अमेरिका, यूरोप और अन्य देशों में रिपोर्ट सामने आई हैं जहां किसी के बच्चे या रिश्तेदार की नकल कर के पैसे मांगे गए — और लोग झांसे में आकर लाखों रुपये भेज चुके हैं।
बैंकिंग सेक्टर को बदलनी होगी रणनीति
ऑल्टमैन ने स्पष्ट रूप से कहा कि अब वॉइस आधारित सुरक्षा उपाय पर्याप्त नहीं हैं।
"अब समय आ गया है कि हम पहचान की पुष्टि के नए, मजबूत और AI-प्रूफ तरीके खोजें।”
इस चेतावनी के जवाब में फेडरल रिजर्व की उपाध्यक्ष मिशेल बाउमन ने भी चिंता जताई और कहा कि यह एक ऐसा क्षेत्र है जिस पर गंभीरता से विचार करना होगा।
अब आपको क्या करना चाहिए?
कभी भी किसी अनजान नंबर से आए कॉल पर निजी जानकारी न दें।
वॉइस से जुड़े सिक्योरिटी फीचर्स को OTP या बायोमैट्रिक विकल्प से बदलें।
बैंक से जुड़ी किसी भी कॉल या मैसेज को दोबारा वेरिफाई करें।
AI वॉयस क्लोनिंग से बचाव के लिए अपने सोशल मीडिया ऑडियोज को सीमित करें।
AI की ताकत से बढ़ा डिजिटल ठगी का डर
AI ने जहां एक ओर दुनिया को स्मार्ट बनाया है, वहीं वॉयस क्लोनिंग जैसी तकनीक अगर गलत हाथों में पड़ जाए तो यह बैंकिंग जगत के लिए गंभीर संकट बन सकती है। ऐसे में सैम ऑल्टमैन की चेतावनी को हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है।
Baten UP Ki Desk
Published : 23 July, 2025, 2:15 pm
Author Info : Baten UP Ki