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भारत की सैन्य ताकत को और मजबूत करने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाते हुए बोइंग कंपनी ने भारतीय सेना को तीन अत्याधुनिक अपाचे AH-64E अटैक हेलीकॉप्टर सौंपे हैं। इनकी तैनाती जोधपुर में की जाएगी और यह सीधे तौर पर भारतीय थलसेना की एविएशन विंग का हिस्सा होंगे। हालांकि यह डिलीवरी करीब 15 महीने की देरी से हुई है, लेकिन इसके बावजूद भारतीय रक्षा व्यवस्था के लिए यह एक रणनीतिक बढ़त मानी जा रही है।

अपाचे: हवा में उड़ता हुआ 'टैंक किलर'

अमेरिकी रक्षा कंपनी बोइंग द्वारा निर्मित अपाचे हेलीकॉप्टर को दुनिया का सबसे उन्नत लड़ाकू हेलीकॉप्टर माना जाता है। इसकी खास बात यह है कि यह नाइट विजन और अत्याधुनिक सेंसर सिस्टम से लैस है। अपाचे में 30 मिमी की दो गन लगी होती हैं जिनमें एक बार में 1,200 गोलियां भरी जा सकती हैं। इसमें एंटी टैंक हेलफायर मिसाइल, स्ट्रिंगर मिसाइल, और लॉन्गबो रडार जैसी प्रणाली इसे हर मौसम और परिस्थिति में हमले के लिए सक्षम बनाती है।

कितनी है स्पीड और रेंज? 

अपाचे हेलीकॉप्टर 21,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता है और 280 किमी/घंटा की स्पीड से मिशन अंजाम दे सकता है

थलसेना को मिले स्पेशल अपाचे

जहां पहले 2015 में भारत ने 22 अपाचे हेलीकॉप्टर भारतीय वायुसेना के लिए खरीदे थे, वहीं 2020 के एक 60 करोड़ डॉलर के समझौते के तहत 6 अपाचे भारतीय थलसेना के लिए भी स्वीकृत किए गए। अब जो हेलीकॉप्टर भारत पहुंचे हैं, वे इन्हीं 6 में से तीन हैं। बोइंग के मुताबिक, अपाचे हेलीकॉप्टर वर्तमान में अमेरिका, यूके, इजराइल और मिस्र जैसे देशों की सेनाओं में सफलतापूर्वक तैनात हैं।

सेना की स्ट्राइक कोर को मिलेगा घातक एविएशन कवर

अपाचे सिर्फ वायुसेना ही नहीं, थलसेना के ग्राउंड ऑपरेशंस में भी गेमचेंजर साबित होगा। यह सेना की स्ट्राइक कोर को हवा से सुरक्षा और हमला दोनों का एविएशन कवर देगा। दो पायलटों वाले इस हेलीकॉप्टर में एक पायलट उड़ान संभालता है, जबकि दूसरा टारगेटिंग, हथियार संचालन और नेविगेशन की ज़िम्मेदारी संभालता है।

स्टील्थ और सर्वाइवल की ताकत भी बेहतरीन

अपाचे की सेमी-स्टेल्थ टेक्नोलॉजी और कम ऊंचाई पर उड़ने की क्षमता इसे राडार से छिपने में मदद करती है। इसमें लगे लॉन्गबो रडार से यह धूल, धुंध, कोहरा और बारिश जैसी विपरीत परिस्थितियों में भी शत्रु की लोकेशन और स्ट्राइकिंग पॉइंट्स को पहचान सकता है। तीन नए अपाचे हेलीकॉप्टरों की भारत में तैनाती से न केवल भारतीय सेना की हवाई ताकत बढ़ेगी, बल्कि यह देश की रणनीतिक तैयारियों को भी नई ऊंचाई देगा। आने वाले महीनों में शेष तीन अपाचे हेलीकॉप्टर भी भारत पहुंचेंगे और देश की सीमाओं पर सुरक्षा कवच को और अधिक मजबूत बनाएंगे।

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