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विदेशों में है भारत का काला धन! आखिर क्यों नहीं हो रही वसूली?

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संसद के मानसून सत्र के दौरान मंगलवार को सरकार ने तीन अहम मामलों में चौंकाने वाले आंकड़े पेश किए—विदेशी कालाधन, हरित ऊर्जा परियोजनाएं और साइबर अपराध। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, गृह राज्य मंत्री बी. संजय कुमार और नवीन ऊर्जा राज्यमंत्री श्रीपद नाईक ने अलग-अलग सवालों के जवाब में इन मसलों पर महत्वपूर्ण जानकारी दी।

विदेशी संपत्ति पर शिकंजा, लेकिन अब तक सीमित वसूली

2015 में लागू हुए काला धन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) और कर अधिरोपण कानून के तहत अब तक 1,021 मामलों में आकलन पूरा किया जा चुका है। इन मामलों में सरकार ने कुल ₹35,105 करोड़ के टैक्स, जुर्माने और ब्याज की मांग की है। हालांकि, अब तक केवल ₹338 करोड़ की ही वसूली हो सकी है। पंकज चौधरी ने बताया कि सरकार को 100 से अधिक विदेशी टैक्स क्षेत्राधिकारों से सूचना मिलती है, जिससे विदेशों में भारतीयों की संपत्ति और आय का पता चलता है। कानून के तहत यदि कोई व्यक्ति अपनी विदेशी संपत्ति या आय का खुलासा नहीं करता, तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।

हरित ऊर्जा कॉरिडोर योजना में देरी

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्रीपद नाईक ने बताया कि 10,141.68 करोड़ रुपये की लागत वाली हरित ऊर्जा कॉरिडोर योजना का पहला चरण कई कारणों से धीमा पड़ा है। योजना का उद्देश्य नवीकरणीय ऊर्जा के एकीकरण के लिए आधारभूत ढांचा विकसित करना है।राजस्थान, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु ने अपनी परियोजनाएं पूरी कर ली हैं, लेकिन आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और हिमाचल प्रदेश में अब भी प्रोजेक्ट अधूरे हैं।

साल 2024 में ₹22,845 करोड़ की साइबर ठगी

गृह राज्यमंत्री बी. संजय कुमार ने बताया कि 2024 में साइबर अपराधियों ने देशवासियों से ₹22,845.73 करोड़ की ठगी की, यानी हर दिन करीब ₹63 करोड़ और हर महीने ₹1,900 करोड़ की ठगी। यह 2023 की तुलना में 206% की बढ़ोतरी है।

सरकार ने ब्लॉक किए 9.42 लाख सिम

2023 में जहां ₹7,465 करोड़ की साइबर ठगी दर्ज हुई थी, वहीं 2022 में यह आंकड़ा ₹1,000 करोड़ से भी कम था। सरकार के अनुसार, अब तक 9.42 लाख से ज्यादा सिम कार्ड और 2.63 लाख IMEI नंबर ब्लॉक किए जा चुके हैं। वित्तीय ठगी से निपटने के लिए बनी साइबर धोखाधड़ी रिपोर्टिंग प्रणाली पर 17.82 लाख शिकायतें दर्ज की गईं, जिससे ₹5,489 करोड़ की रकम को ठगी से बचाया गया।

साइबर अपराधों में विस्फोटक बढ़ोतरी

2024 में साइबर अपराध के 36.37 लाख मामले दर्ज हुए, जबकि 2023 में यह संख्या 24.42 लाख थी। सिर्फ एक साल में 12 लाख की वृद्धि इस बात का संकेत है कि साइबर सुरक्षा अब सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक बन चुकी है।

आंकड़ों की ये तस्वीरें गंभीर चिंता का विषय

  • सरकार के आंकड़े तीन स्तरों पर चेतावनी देते हैं –
  • विदेशी कालाधन की पहचान तो हो रही है, लेकिन वसूली बेहद कम है।
  • हरित ऊर्जा की दिशा में प्रयास सराहनीय हैं, पर योजना की सुस्ती सवाल खड़े करती है।
  • साइबर ठगी अब आर्थिक आतंकवाद का रूप ले चुकी है, जिस पर त्वरित और सख्त कार्रवाई ज़रूरी है।

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