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वर्षों से खंडहर में पड़े मार्तंड मंदिर का होगा जीर्णोद्धार, जम्मू-कश्मीर सरकार ने बुलाई मीटिंग

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जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग स्थित 8वीं सदी के प्राचीन मार्तंड सूर्य मंदिर का जीर्णोद्धार किया जाएगा। इस संबंध में 1अप्रैल 2024 यानि सोमवार को एक उच्च-स्तरीय बैठक बुलाई गई है जो जम्मू में होगी।  इस बात की जानकारी जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से जारी एक ऑफिशियल नोटिफिकेशन में दी गई। मार्तंड मंदिर भारत के सूर्य मंदिरों में सबसे पुराना और अमूल्य प्राचीन आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक है।

इस नोटिफिकेशन के अनुसार संस्कृति विभाग के प्रधान सचिव ने एक बैठक बुलाई है, जिसमें कश्मीर के प्राचीन मंदिरों के जीर्णोद्धार, संरक्षण और सुरक्षा पर चर्चा की जाएगी। साथ ही इस अधिसूचना में बड़ी जानकारी दी गई है कि मार्तण्ड सूर्य मंदिर परिसर में इसके निर्माता सम्राट ललितादित्य मुखोपाध्याय की प्रतिमा की स्थापना को लेकर भी चर्चा की जाएगी। 

कौन थे ललितादित्य मुखोपाध्याय ?   

इस मंदिर का निर्माण हिंदू राजा ललितादित्य मुक्तपद ने कराया था। ललितादित्य कर्कोटा वंश के थे जिन्होंने सातवीं शताब्दी में कश्मीर पर शासन किया था। इतिहासकार कल्हण ने अपने महाकाव्य राजतरंगिणी में इस राजवंश का उल्लेख किया है। ऐसा कहा जाता है कि मार्तंड सूर्य मंदिर को सुल्तान सिकंदर शाह मिरी के आदेश पर नष्ट कर दिया गया था। 

सूर्य मंदिरों में सबसे पुराना मंदिर-

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 8वीं शताब्दी का मार्तंड मंदिर भारत के सूर्य मंदिरों में सबसे पुराना है। ये एएसआई द्वारा संरक्षित स्मारक है। ओडिशा के कोणार्क और गुजरात के मोढेरा की तरह कश्मीर का मार्तण्ड सूर्य मंदिर भी भगवान सूर्य को समर्पित भव्य हिन्दू मंदिरों में से एक है, जिसका वैभव प्राचीन काल में बहुत बड़ा हुआ करता था। 

प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन हुई पूजा-

राम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन 22 जनवरी, 2024 को यहाँ हिन्दू कार्यकर्ताओं ने आकर पूजा-अर्चना भी की थी। वहाँ हनुमान चालीसा का पाठ हुआ, भगवा ध्वज लहराया गया और मंदिर की परिक्रमा की गई। जम्मू कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा भी मार्तण्ड सूर्य मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना कर चुके हैं। ‘हैदर’ फिल्म के जरिए इस मंदिर को बदनाम किया गया था और इसे ‘शैतान की गुफा’ बताया गया था।

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