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यूपी में नई योजना का ऐलान, इस पद की नियुक्ति से ग्रामीण प्रशासन होगा मजबूत

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उत्तर प्रदेश में लेखपालों की कमी को दूर करने के लिए राजस्व परिषद ने एक नई पहल की शुरुआत की है। इस योजना के तहत, अमीनों को प्रशिक्षण देकर उन्हें लेखपाल के तौर पर कार्यभार संभालने के लिए तैयार किया जाएगा। इसके बाद, हर दो गांवों के लिए एक लेखपाल की तैनाती सुनिश्चित की जाएगी। इस बदलाव को लेकर राजस्व परिषद ने अमीन संघ के साथ बैठक कर विस्तृत चर्चा भी की है। हालांकि, अमीनों के पद कागजों पर बरकरार रहेंगे, लेकिन उनके कार्य दायित्वों में लेखपाल की भूमिका शामिल की जाएगी।

अमीनों को मिलेगा लेखपाल का प्रशिक्षण-

राजस्व परिषद ने अमीनों को लेखपालों के रूप में तैयार करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने की योजना बनाई है। इस योजना के तहत अमीनों को तीन माह का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे वे लेखपाल की जिम्मेदारियां संभाल सकें। इसके बाद, हर दो गांवों के लिए एक लेखपाल की तैनाती की जाएगी।

लेखपालों की संख्या में भारी कमी-

वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 30,800 लेखपालों के पद स्वीकृत हैं, लेकिन इनमें से केवल 23,000 पद भरे हुए हैं। प्रदेश के 1.10 लाख गांवों को देखते हुए लगभग 50,000 लेखपालों की आवश्यकता है। इस कमी को पूरा करने के लिए अमीनों को लेखपाल का कार्य सौंपने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।

अमीनों के खाली पद और उनकी भूमिका-

प्रदेश में अमीनों के कुल 9,049 स्वीकृत पदों में से केवल 5,000 पद ही भरे हुए हैं। शेष 4,049 पद खाली हैं। राजस्व परिषद ने तय किया है कि फिलहाल कागजों पर अमीनों के पद बरकरार रहेंगे, लेकिन कार्य लेखपालों जैसा होगा।

अनुसेवकों को भी दी जाएगी नई जिम्मेदारी-

राजस्व विभाग के अनुसेवकों के 9,554 पदों में से लगभग 5,000 पद भरे हुए हैं। शेष 4,554 पदों को लेखपाल के कार्य के लिए उपयोग करने की योजना बनाई जा रही है। अभी तक एक लेखपाल को पांच से छह गांवों की जिम्मेदारी संभालनी पड़ती है।

राजस्व विभाग में पुनर्गठन की तैयारी-

राजस्व परिषद अब अपने विभागीय ढांचे को पुनर्गठित करने की योजना पर काम कर रहा है। अंग्रेजों के जमाने में सृजित लेखपाल और अमीन के पदों को नए सिरे से परिभाषित करने और उनकी जिम्मेदारियों को पुनः निर्धारित करने की तैयारी चल रही है।

मुख्यमंत्री के साथ हुई समीक्षा बैठक-

हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई एक समीक्षा बैठक में रिक्त पदों को भरने की रणनीति पर चर्चा की गई। राजस्व परिषद ने इन पदों को जल्द भरने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा है।

अमीन संघ की सहमति और चुनौतियां-

अमीन संघ के प्रदेश अध्यक्ष सर्वेश कुमार शर्मा ने बताया कि कई जिलों में राजस्व वसूली का काम घट गया है। ऐसे में अमीन और अनुसेवकों से लेखपाल के कार्य लिए जा सकते हैं। हालांकि, अमीनों ने अपनी भूमिका बदलने को लेकर कुछ आशंकाएं भी व्यक्त की हैं।

तीन महीने का प्रशिक्षण होगा कारगर-

परिषद द्वारा तीन महीने के प्रशिक्षण के बाद अमीनों और अनुसेवकों को लेखपाल के रूप में कार्य करने के लिए तैयार किया जाएगा। यह नई व्यवस्था सफलतापूर्वक लागू हुई तो लेखपालों की कमी को काफी हद तक दूर किया जा सकेगा।

दलाव को लागू करने के दौरान आने वाली चुनौतियां-

राजस्व परिषद की इस पहल से न केवल लेखपालों की कमी को पूरा किया जाएगा, बल्कि विभागीय कामकाज में भी तेजी आएगी। हालांकि, इस बदलाव को लागू करने के दौरान आने वाली चुनौतियों से निपटना भी महत्वपूर्ण होगा।

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