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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब गाय के गोबर को सोने से भी कीमती ‘हरित ईंधन’ में बदलने की तैयारी में है। लक्ष्य सिर्फ पर्यावरण बचाना नहीं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देकर प्रदेश को ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी की राह पर लाना है।
गोबर से बनेगा पेट्रोल जैसा ईंधन
विशेषज्ञों का दावा है कि एक गाय के गोबर से सालाना लगभग 225 लीटर पेट्रोल के बराबर मीथेन गैस तैयार होगी। इसे शुद्ध कर कंप्रेस्ड बायो गैस (CBG) में बदला जाएगा, जिससे एक कार 5,500 किलोमीटर से ज्यादा चल सकेगी।
हर दिन 54 लाख किलो गोबर
उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता के अनुसार, प्रदेश के निराश्रित गोवंश से रोज़ाना करीब 54 लाख किलोग्राम गोबर मिलता है। इसे CBG प्लांट्स में प्रोसेस करके—
वाहनों के ईंधन के रूप में
ग्रामीण घरों में खाना पकाने के लिए
लघु उद्योगों में हीटिंग ईंधन के रूप में
प्राकृतिक खेती में जैविक घोल बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा।
‘कचरे से कंचन’ का मॉडल
गो सेवा आयोग के ओएसडी डॉ. अनुराग श्रीवास्तव का कहना है, यह ‘मीथेन फार्मिंग’ आने वाले समय में जीवाश्म ईंधनों का सस्ता और पर्यावरण अनुकूल विकल्प साबित होगी। “कचरे से कंचन” की सोच अब सिर्फ नारा नहीं, बल्कि हकीकत बनने जा रही है।
हरित अर्थव्यवस्था और रोजगार
इस योजना से न सिर्फ गांवों में रोजगार बढ़ेगा, बल्कि पर्यावरण को भी प्रदूषण से राहत मिलेगी। यूपी सरकार का मानना है कि यह पहल आने वाले वर्षों में हरित अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के साथ-साथ राज्य को ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी की दौड़ में आगे ले जाएगी।
Baten UP Ki Desk
Published : 11 August, 2025, 2:10 pm
Author Info : Baten UP Ki