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डबल भत्ते के साथ अब नौकरी का मौका! दिव्यांगों के लिए यूपी में चल रहा है ये खास मिशन

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उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने दिव्यांगजनों के हित में एक बड़ा और भावनात्मक रूप से सराहनीय फैसला लिया है। अब राज्य के विशेष विद्यालयों और संस्थाओं में निवास करने वाले दिव्यांगजनों को हर महीने ₹4000 का भरण-पोषण भत्ता मिलेगा। यह राशि पहले ₹2000 थी, जिसे अब दोगुना कर दिया गया है। नया आदेश बुधवार से लागू हो गया है।

दोगुना हुआ भत्ता, तुरंत लागू हुआ आदेश

प्रदेश के दिव्यांगजन सशक्तीकरण मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में दिव्यांगजनों के सामाजिक और आर्थिक सशक्तीकरण की दिशा में लगातार मजबूत कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि सरकार की संवेदनशील सोच और सामाजिक समावेशन की पहल है।

नए शासनादेश को प्रमुख सचिव सुभाष चंद्र शर्मा द्वारा जारी किया गया है, जो कि वर्ष 2016 के पुराने आदेश में संशोधन के साथ लागू हुआ है। इसका लाभ राज्य भर के आश्रयगृहों, प्रशिक्षण केंद्रों, और विशेष विद्यालयों में रह रहे दिव्यांग संवासियों को मिलेगा।

लक्ष्य: लाभार्थियों तक समय पर पहुंचे सहायता

शासनादेश के साथ सभी मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों, जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारियों और संस्थान प्रमुखों को स्पष्ट निर्देश दे दिए गए हैं कि लाभार्थियों को यह राशि समय पर और पारदर्शी तरीके से दी जाए।

सिर्फ भत्ता नहीं, अब रोजगार भी!

सिर्फ आर्थिक सहयोग ही नहीं, बल्कि दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी सरकार ने एक और अहम पहल की है। उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन (UPSDM) द्वारा 6 अगस्त से 13 अगस्त तक विशेष दिव्यांगजन रोजगार अभियान चलाया जा रहा है।

इस अभियान के तहत:

  • ITI और स्किल सेंटर से प्रशिक्षित दिव्यांगों को रोजगार से जोड़ा जाएगा।

  • अब तक प्रशिक्षण न पाने वाले दिव्यांगों को भी मौके दिए जाएंगे।

  • इच्छुक दिव्यांगजन अपने जिले के दिव्यांगजन अधिकारी कार्यालय से संपर्क कर जुड़ सकते हैं।

मिशन निदेशक पुलकित खरे ने बताया कि यह प्रयास दिव्यांगजनों को मुख्यधारा में लाने और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बेहद अहम साबित होगा।

सरकार का संदेश साफ: 'दिव्यांग' नहीं, 'सक्षम नागरिक'

योगी सरकार की यह पहल दिखाती है कि उत्तर प्रदेश में अब दिव्यांगजन सिर्फ 'सहारा' नहीं, बल्कि सशक्तिकरण और सम्मान के पात्र हैं। बढ़ा हुआ भत्ता और रोजगार अभियान यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी नागरिक पीछे न छूटे।

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