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पहली बार यूपी के इस शहर में हवा से जलेंगी स्ट्रीट लाइटें

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देश में पहली बार यूपी (Uttar Pradesh) के नोएडा (Noida) में सड़क किनारे की स्ट्रीट लाइटों को जलाने के लिए हवा का उपयोग किया जाएगा। दरअसल नोएडा में पवन शक्ति मतलब विंड ऊर्जा की मदद से जलने वाली लाइटों को सड़कों के किनारे लगाने की योजना है। इस पायलट प्रोजेक्ट को लेकर नोएडा विकास प्राधिकरण पहले कई स्थानों पर इन लाइटों को लगाकर ट्रायल करेगा और उसके बाद सबकुछ ठीक रहने पर इसे शहर की सड़कों के किनारे लगाया जाएगा। अब सबसे बड़ा सवाल उठता है कि आखिर पवन शक्ति की मदद से जलने वाली इन लाइटों की ख़ासियत क्या है?

भारत में पवन ऊर्जा (wind energy) की काफी संभावनाएं है, जिसको ध्यान में रखते हुए आज कल इस तरह के प्रयोग हो रहे है। पवन शक्ति से चलने वाली स्ट्रीट लाइटों के पोल पर एक विशेष तरह की डिवाइस लगी होती है, जो वाहनों के चलने की हवा से घूमती है। इस डिवाइस के घूमने से बिजली उत्पन्न होती है और उसे बैटरी में स्टोर कर लिया जाता है। दिन में बैटरी चार्ज होने के बाद रात्रि के समय सड़कों पर स्ट्रीट लाइटें जलेंगी। इस प्रक्रिया में बिजली पैदा करने वाली डिवाइस को सड़क से तीन फीट से लेकर 18 फीट तक कहीं भी लगाई जा सकती है।

इस संबंध में नोएडा विकास प्राधिकरण (NDA) का कहना है कि' इस तरह कि तकनीक का इस्तेमाल पहली बार देश में हो रहा है'। आपको बात दे कि इस प्रोजेक्ट के शुरू होने से यूपी की सड़कें रात्रि के समय और जगमग दिखाई देने लगेगी। सौर ऊर्जा के मुकाबले इस तकनीक से स्ट्रीट लाइटों का संचालन होने से काफी सुविधा होंगी। क्योंकि इस तकनीक से हर मौसम में बैट्ररी चार्ज हो जाएगी और आसानी से स्ट्रीट लाइटें जल सकेगी। 

बिजली बचाने में कारगर होगा ये प्रयोग 

मौजूदा दौर में हर तरफ बिजली का संकट है। जिसे देखते हुए गैर परंपरागत तरीके से बिजली का उत्पादन कर उसे जरुरतों के अनुसार इस्तेमाल किया जा रहा है। इस तकनीक में स्ट्रीट लाइटों में लगाई जानेवाली डिवाइस से कई लाइटों को जलाई जा सकती है। आपको बता दे कि इस टरबाइन डिवाइस को घूमने के लिए 5 से 25 मीटर प्रति सेकेंड के हिसाब से हवा चाहिए होता है। आम तौर पर अन्य प्रकार के स्ट्रीट लाइटों से ये थोड़ी मांगी होती है। लेकिन आज के दौर में पवन ऊर्जा से हमको कई तरह से फायदे मिल रहे है। 

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