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राष्ट्रपति भवन में आयोजित नागरिक अलंकरण समारोह-II में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश के प्रतिष्ठित पद्म पुरस्कार 2025 प्रदान किए। इस अवसर पर लोक गायिका शारदा सिन्हा और विख्यात नृत्यांगना कुमुदिनी रजनीकांत लाखिया को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, केंद्रीय मंत्रीगण और अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
शारदा सिन्हा और कुमुदिनी लाखिया को मरणोपरांत मिला पद्म विभूषण
शारदा सिन्हा को लोक संगीत के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिए पद्म विभूषण से नवाजा गया। उनके बेटे ने उनकी ओर से यह पुरस्कार ग्रहण किया।
बिबेक देबरॉय को मरणोपरांत पद्म भूषण
प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के पूर्व अध्यक्ष बिबेक देबरॉय को साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए मरणोपरांत पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। उनकी पत्नी ने पुरस्कार ग्रहण किया।
139 लोगों को मिला पद्म सम्मान, 13 को मरणोपरांत
वर्ष 2025 में कुल 139 व्यक्तियों को पद्म सम्मान प्रदान किए गए। इनमें:
7 पद्म विभूषण
19 पद्म भूषण
113 पद्म श्री शामिल हैं।
इनमें से 23 महिलाएं, 10 विदेशी/एनआरआई/PIO/OCI और 13 मरणोपरांत पुरस्कार शामिल हैं।
कुछ अन्य प्रमुख सम्मानित व्यक्ति:
न्यायमूर्ति (रि.) जगदीश सिंह खेहर – पद्म विभूषण (सार्वजनिक मामले)
डॉ. शोभना चंद्रकुमार – पद्म भूषण (कला - लोक नृत्य)
साध्वी ऋतंभरा – पद्म भूषण (सामाजिक कार्य)
रिकी केज – पद्म श्री (कला - संगीत, ग्रैमी पुरस्कार विजेता)
पद्म पुरस्कारों की घोषणा और उद्देश्य
पद्म पुरस्कारों की घोषणा हर वर्ष गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर की जाती है। ये पुरस्कार निम्नलिखित श्रेणियों में दिए जाते हैं:
पद्म विभूषण: असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए
पद्म भूषण: उच्च कोटि की विशिष्ट सेवा के लिए
पद्म श्री: किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट सेवा के लिए
इन पुरस्कारों का उद्देश्य देश के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वालों को राष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाना है।
नागरिक अलंकरण समारोह-I में पहले ही हो चुका था पहला चरण
इससे पहले आयोजित नागरिक अलंकरण समारोह-I में भी 4 पद्म विभूषण, 10 पद्म भूषण और 57 पद्म श्री पुरस्कार प्रदान किए गए थे। पद्म सम्मान 2025 उन व्यक्तियों को समर्पित हैं जिन्होंने समाज, संस्कृति, कला और राष्ट्र निर्माण में अनुकरणीय योगदान दिया है। मरणोपरांत दिए गए पुरस्कार इस बात का प्रतीक हैं कि सच्चा योगदान समय और मृत्यु से परे होता है। यह समारोह उन सभी को श्रद्धांजलि है, जिन्होंने देश की विविधता और विरासत को समृद्ध किया।
Baten UP Ki Desk
Published : 27 May, 2025, 8:17 pm
Author Info : Baten UP Ki