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गर्मी और बरसात के मौसम में मच्छरों का कहर हर साल गंभीर बीमारियों को जन्म देता है, जिनमें सबसे घातक बीमारी है डेंगू। एडीज मच्छर के काटने से फैलने वाला यह वायरस शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से घटाकर जानलेवा साबित हो सकता है। तेज बुखार, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, चकत्ते और कमजोरी इसके प्रमुख लक्षण हैं।
हर साल 16 मई को भारत में राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है, ताकि आम लोगों को इस बीमारी के प्रति सतर्क किया जा सके। इस अवसर पर यह जानना जरूरी है कि डेंगू अब केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर स्वास्थ्य संकट बन चुका है।
WHO की रिपोर्ट ने खोली वैश्विक स्थिति की परतें
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण अमेरिका और दक्षिण-पूर्व एशिया वे दो क्षेत्र हैं, जहां डेंगू से सबसे ज्यादा मौतें दर्ज हो रही हैं। इस सूची में भारत भी उन 30 देशों में शामिल है जो डेंगू से सबसे अधिक प्रभावित हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 की शुरुआत से 20 मार्च तक ही डेंगू के 14 लाख से ज्यादा केस दुनिया के 53 देशों/क्षेत्रों में सामने आए हैं। इनमें 400 लोगों की मौत हुई। हालांकि यह आंकड़ा 2024 के मुकाबले 65% कम है, लेकिन बीते 5 वर्षों की तुलना में 4% अधिक है।
2023 रहा अब तक का सबसे भयावह साल
साल 2023 में डेंगू ने विकराल रूप ले लिया था। WHO के अनुसार, उस वर्ष दुनियाभर में 65 लाख से ज्यादा मामले सामने आए और 6800 से अधिक मौतें दर्ज की गईं।
दक्षिण अमेरिका में अकेले 39,24,992 केस सामने आए, जिनमें 1946 लोगों की मौत हुई।
सबसे ज्यादा प्रभावित देश रहा ब्राजील, जहां अगस्त 2024 तक 1.2 करोड़ से अधिक मामले सामने आए।
दक्षिण-पूर्व एशिया में 16,22,405 केस सामने आए और 3637 लोगों की मौत हुई।
बांग्लादेश में 3,08,167 केस और 1598 मौतें,
थाईलैंड में 1,36,655 केस और 147 मौतें दर्ज की गईं।
पिछले कुछ सालों में भारत में डेंगू से मरने वालों की संख्या कितनी है?
भारत में भी डेंगू हर साल हजारों लोगों को अपनी चपेट में लेता है।
जून 2024 तक भारत में डेंगू के 32,000 से ज्यादा केस दर्ज किए गए।
इन मामलों में कम से कम 32 मौतें हुईं।
भारत अब उन शीर्ष 30 देशों में शामिल है जहां डेंगू का असर सबसे अधिक देखा जा रहा है।
क्यों बढ़ रहा है डेंगू का प्रकोप?
विशेषज्ञों के मुताबिक, डेंगू की इस बढ़ती गंभीरता के पीछे कई कारक हैं:
जलवायु परिवर्तन: मच्छरों की संख्या और जीवनचक्र को प्रभावित करता है।
शहरीकरण और जनसंख्या वृद्धि: अधिक भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में मच्छरों के फैलाव की संभावना ज्यादा होती है।
ग्लोबल ट्रैवल: वायरस का एक क्षेत्र से दूसरे में तेजी से फैलाव हो रहा है।
जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार
डेंगू से बचाव के लिए जागरूकता ही सबसे प्रभावी उपाय है। जलजमाव न होने देना, मच्छरदानी का इस्तेमाल, फुल कपड़े पहनना और समय रहते इलाज कराना इससे बचाव में मददगार हो सकते हैं। राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर यह समझना जरूरी है कि यह केवल एक मौसमी बीमारी नहीं, बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य संकट है। समय रहते कदम न उठाए गए तो इसका असर और गंभीर हो सकता है।
Baten UP Ki Desk
Published : 16 May, 2025, 1:44 pm
Author Info : Baten UP Ki