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भारत ने डिजिटल युग की ओर एक और बड़ा कदम बढ़ाते हुए ई-पासपोर्ट्स (e-Passports) की शुरुआत कर दी है। यह पहल न केवल यात्रियों की सुरक्षा को बढ़ावा देगी बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की पहचान और तकनीकी सक्षमता को भी मजबूत बनाएगी। 1 अप्रैल 2024 से लागू हुई यह सेवा विदेश मंत्रालय (MEA) द्वारा संचालित पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम (PSP) 2.0 का हिस्सा है, जिसे राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना (NeGP) के तहत मिशन मोड में लागू किया गया है। ई-पासपोर्ट के 2025 के मध्य तक पूरे देश में रोलआउट होने की उम्मीद है।
ई-पासपोर्ट्स क्या हैं और क्यों हैं खास?
ई-पासपोर्ट्स को बायोमेट्रिक पासपोर्ट्स भी कहा जाता है। ये देखने में भले ही पारंपरिक पासपोर्ट्स जैसे लगें, लेकिन इनके अंदर की तकनीक बिल्कुल अगली पीढ़ी की है।
क्या हैं इसकी मुख्य विशेषताएं?
पासपोर्ट के कवर में लगी RFID चिप और एंटीना में व्यक्ति की व्यक्तिगत और बायोमेट्रिक जानकारी (जैसे चेहरा और फिंगरप्रिंट) सुरक्षित रूप से संग्रहीत रहती है।
PKI (पब्लिक की इंफ्रास्ट्रक्चर) आधारित सुरक्षा तकनीक से डेटा की छेड़छाड़ या जालसाजी लगभग असंभव हो जाती है।
कैसे बदलेगा आपका सफर?
त्वरित इमिग्रेशन जांच: हवाई अड्डों पर स्मार्ट सिस्टम आपके पासपोर्ट को तुरंत स्कैन कर लेगा।
कम धोखाधड़ी का खतरा: फर्जीवाड़ा और डुप्लिकेशन के मामलों में भारी गिरावट की उम्मीद।
आसान वैश्विक मान्यता: दुनिया के कई देशों में ई-पासपोर्ट्स पहले से ही लागू हैं, जिससे भारत के नागरिकों को अतिरिक्त सुविधा मिलेगी।
फिलहाल कहां-कहां मिल रहा है ई-पासपोर्ट?
शुरुआत में यह सुविधा कुछ प्रमुख शहरों में दी जा रही है, जिनमें शामिल हैं:
दिल्ली, चेन्नई, हैदराबाद, जयपुर, नागपुर, अमृतसर, भुवनेश्वर, जम्मू, गोवा, शिमला, रायपुर, सूरत और रांची।विशेष रूप से चेन्नई में ई-पासपोर्ट्स की भारी मांग देखी गई है। 3 मार्च 2025 को शुरू हुए कार्यक्रम के तहत केवल तीन हफ्तों में 20,700 से अधिक ई-पासपोर्ट्स जारी हो चुके हैं।
पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम 2.0 क्या है?
PSP 2.0 मौजूदा पासपोर्ट सेवा प्रणाली का आधुनिक संस्करण है, जो तेज़, पारदर्शी और सुरक्षित सेवा अनुभव प्रदान करता है। यह डिजिटल इंडिया मिशन का अहम हिस्सा है, जो नागरिक सेवाओं को टेक्नोलॉजी से जोड़ने का प्रयास करता है।
सुरक्षा, स्मार्ट यात्रा और वैश्विक पहचान की ओर एक नया कदम
मौजूदा पासपोर्ट्स उनकी समाप्ति तिथि तक वैध बने रहेंगे। ई-पासपोर्ट लेना अनिवार्य नहीं है – यह एक वैकल्पिक और क्रमिक रूप से लागू की जा रही सेवा है। भारत में ई-पासपोर्ट्स की शुरुआत एक दृष्टिगत बदलाव का संकेत है, जो नागरिकों को न केवल उच्च स्तरीय सुरक्षा देगा, बल्कि वैश्विक यात्रा को और अधिक कुशल, आसान और स्मार्ट बनाएगा। आने वाले समय में यह तकनीक भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को और सशक्त बनाएगी।
Baten UP Ki Desk
Published : 15 May, 2025, 7:24 pm
Author Info : Baten UP Ki