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भारत ने दिखाई दरियादिली...म्यांमार के लिए चलाया 'ऑपरेशन ब्रह्मा'

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भारत ने भूकंप प्रभावित म्यांमार की सहायता के लिए मानवीय पहल की मिसाल पेश की है। ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत भारत ने त्वरित राहत अभियान शुरू किया, जिसमें भारतीय वायुसेना का सी-130 जे विमान लगभग 15 टन राहत सामग्री लेकर यांगून पहुंचा। इस सहायता सामग्री में टेंट, कंबल, स्लीपिंग बैग, खाद्य पैकेट, स्वच्छता किट, जनरेटर और आवश्यक दवाएं शामिल हैं, जिससे पीड़ितों को राहत पहुंचाई जा सके।

भूकंप का कहर: म्यांमार में हजारों मौतें

शुक्रवार को म्यांमार और थाईलैंड में आए विनाशकारी भूकंप ने भारी तबाही मचाई। अकेले म्यांमार में हजारों लोग काल के गाल में समा चुके हैं, जबकि सैकड़ों अब भी लापता हैं। घायलों की संख्या 1500 से अधिक हो चुकी है और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है।

पहली खेप में  भेजी गई आवश्यक राहत सामग्री 

भारत ने संकटग्रस्त म्यांमार के लिए त्वरित सहायता भेजते हुए राहत सामग्री की पहली खेप यांगून पहुंचाई। इस सहायता पैकेज में टेंट, स्लीपिंग बैग, कंबल, रेडी-टू-ईट फूड, वाटर प्यूरिफायर, हाइजीन किट, सोलर लैंप, जनरेटर सेट और आवश्यक दवाएं जैसे पैरासिटामोल, एंटीबायोटिक्स, सीरिंज, दस्ताने और पट्टियां शामिल हैं। इस संबंध में जानकारी एनडीआरएफ मुख्यालय के आधिकारिक एक्स हैंडल से शनिवार सुबह 10 बजे साझा की गई।

यांगून के मुख्यमंत्री को सौंपी गई राहत सामग्री

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने बताया कि म्यांमार को राहत सामग्री सौंपी गई है। यांगून में भारतीय राजदूत अभय ठाकुर ने इस सहायता पैकेज को औपचारिक रूप से यांगून के मुख्यमंत्री यू सोई थीन को सौंपा। यह भारत की पड़ोसी राष्ट्रों के प्रति प्रतिबद्धता और मानवीय सहायता की भावना को दर्शाता है।

‘पड़ोसी प्रथम’ नीति: संकट में म्यांमार के साथ खड़ा भारत

भारत, अपनी ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति के तहत, संकट की इस घड़ी में म्यांमार के साथ खड़ा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आपदा पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए म्यांमार को हरसंभव सहायता देने का वादा किया है। यह पहल न केवल भारत की मानवीय संवेदनशीलता को दर्शाती है, बल्कि क्षेत्रीय सहयोग और मित्रता की भावना को भी प्रबल करती है।

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