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यूपी में अब होम स्टे पर नहीं लगेगा कमर्शियल टैक्स, घरेलू दरों पर मिलेंगी सुविधाएं...

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उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश के पर्यटन को बढ़ावा देने और स्थानीय निवासियों को प्रोत्साहित करने के लिए एक बड़ी राहत देने जा रही है। योगी सरकार अब होम स्टे व्यवसाय से जुड़े लोगों को वाणिज्यिक टैक्स से छूट देने की तैयारी कर रही है। नई नीति के तहत ऐसे घरों को जो गेस्ट हाउस की तरह होम स्टे सेवा दे रहे हैं, उनसे अब व्यवसायिक दरों के बजाय सामान्य घरेलू दरों पर हाउस टैक्स, जल कर, सीवर टैक्स और बिजली बिल लिया जाएगा।यह सुविधा उत्तर प्रदेश बेड एंड ब्रेकफास्ट एवं होमस्टे नीति के तहत दी जाएगी। सूत्रों के अनुसार, इस नीति को उच्च स्तर पर स्वीकृति मिल चुकी है और जल्द ही इसे कैबिनेट से पारित करवाने की तैयारी है।

पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

इस नीति का उद्देश्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों, धार्मिक एवं आध्यात्मिक केंद्रों पर आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों को बेहतर और सुलभ आवासीय सुविधाएं उपलब्ध कराना है। इससे पर्यटकों को न केवल गुणवत्तापूर्ण सेवा मिलेगी, बल्कि उन्हें स्थानीय संस्कृति और जीवनशैली का अनुभव भी होगा। नई नीति के तहत होम स्टे संचालकों को पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। पंजीकरण के बाद भवन स्वामी अपने घर के अधिकतम दो-तिहाई कमरों को किराए पर दे सकेंगे। होम स्टे में कम से कम एक और अधिकतम छह कमरे या 12 बेड तक की अनुमति होगी। इससे अधिक की संख्या होने पर यह योजना लागू नहीं होगी।

प्रशिक्षण और आर्थिक सहायता भी मिलेगी

पंजीकृत होम स्टे संचालकों को बिजली, हाउस टैक्स, जल कर व सीवर टैक्स पर घरेलू दरों का लाभ मिलेगा। इसके साथ ही राज्य सरकार की ओर से उन्हें विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा ताकि वे सेवाओं का बेहतर संचालन कर सकें और अपनी आय में वृद्धि कर सकें। इतना ही नहीं, आवेदन करने वालों को प्रोत्साहन राशि के रूप में 10,000 रुपये तक की वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाएगी। यह योजना प्रदेश के सभी जिलों में लागू की जाएगी, जिससे राज्य में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और ग्रामीण एवं शहरी दोनों क्षेत्रों में पर्यटन को नया जीवन मिलेगा।

अर्थव्यवस्था को मिलेगा बल

सरकार की यह पहल न केवल स्थानीय लोगों की आमदनी बढ़ाने में मदद करेगी, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगी। साथ ही आने वाले पर्यटकों को उत्तर प्रदेश में एक समृद्ध, सुरक्षित और अविस्मरणीय अनुभव मिलेगा। योगी सरकार की यह नीति पर्यटन क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हो सकती है, जिससे प्रदेश की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक सशक्त होगी।

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