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गरीबों की थाली तक राशन पहुंचाने के लिए यूपी सरकार का बड़ा फैसला, इतने करोड़ की दी मंजूरी...

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उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने गरीबों की थाली तक राशन पहुंचाने के लिए एक और बड़ा कदम उठाया है। राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए 179.42 करोड़ रुपये की बड़ी धनराशि स्वीकृत की गई है। यह बजट वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए है और इसमें केंद्र और राज्य सरकार दोनों का 50-50 प्रतिशत अंश शामिल है।

यह फैसला खाद्य एवं रसद विभाग की बुनियादी संरचना को मजबूती देने, भंडारण, उठाई, धराई और अंतर्राज्यीय परिवहन के माध्यम से हर पात्र लाभार्थी तक राशन पहुंचाने के उद्देश्य से लिया गया है।

हर जरूरतमंद तक पहुंचे अन्न – यही है लक्ष्य

प्रदेश सरकार हर पात्र परिवार तक राशन पहुंचाने के अभियान को तेज़ी से आगे बढ़ा रही है।

  • वर्तमान में 3.16 करोड़ से अधिक परिवारों को पात्र गृहस्थी राशन कार्ड दिए जा चुके हैं।

  • 40.73 लाख परिवारों को अंत्योदय राशन कार्ड जारी किए गए हैं।

  • राज्य में अंत्योदय कार्डधारकों की संख्या 1.29 करोड़ से अधिक हो चुकी है।

सरकार का स्पष्ट संदेश है: "कोई भी गरीब भूखा रहे।"

तकनीक से बनी पारदर्शिता की नई मिसाल

PDS में किसी भी प्रकार की धांधली को रोकने के लिए योगी सरकार ने ई-केवाईसी और आधार सत्यापन प्रणाली को लागू किया है।

  • अब लाभार्थी देश के किसी भी उचित दर दुकान पर जाकर ई-केवाईसी करा सकते हैं।

  • ई-पॉस मशीनों के जरिए राशन वितरण पूरी तरह से डिजिटल और ट्रेस करने योग्य बन चुका है।

  • इस पारदर्शी प्रणाली से 15 करोड़ से अधिक लोग सीधे लाभान्वित हो रहे हैं।

फ्री राशन स्कीम का लाभ ऐसे मिल रहा है

  • पात्र गृहस्थी कार्डधारक प्रति यूनिट 2 किलो गेहूं और 3 किलो चावल (कुल 5 किलो) मुफ्त पाते हैं।

  • अंत्योदय कार्डधारकों को 14 किलो गेहूं और 21 किलो चावल, यानी कुल 35 किलो राशन मुफ्त मिलता है।

खाद्य सुरक्षा के लिए आर्थिक प्रतिबद्धता

179 करोड़ रुपये की यह राशि सप्लाई चेन, वेयरहाउसिंग, लोडिंग-अनलोडिंग, और अंतिम वितरण प्रणाली को सुधारने के लिए है, जिससे कोई भी बाधा या देरी गरीबों तक अन्न पहुंचने में आए। सरकार इस राशि का इस्तेमाल बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और वितरण प्रणाली को अधिक तेज और भरोसेमंद बनाने में करेगी।

अन्न ही अन्नदाता का अधिकार है’

योगी सरकार की यह पहल सिर्फ एक प्रशासनिक फैसला नहीं, बल्कि गरीबों के प्रति सरकार की संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता को दर्शाती है। राशन व्यवस्था को टेक्नोलॉजी, पारदर्शिता और दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति के साथ दुरुस्त करने वाला उत्तर प्रदेश अब भूखमुक्त प्रदेश’ की दिशा में तेज़ी से बढ़ रहा है।

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