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राधा सत्संग सभा के मामले को इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिला पांच अक्टूबर तक स्टे, यथास्थिति बनाए रखने के मिले निर्देश

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यूपी की विश्वप्रसिद्ध ताजनगरी आगरा में बीते कुछ दिनों से जिला प्रशासन और राधा स्वामी सत्संग सभा आमने-सामने हैं। दोनों के बीच अरबों रुपये की जमीन को लेकर हंगामा जारी है। सत्संग सभा पर सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने के साथ-साथ पुलिस और मीडिया कर्मियों पर हमला करने का आरोप है। जबकि सत्संग सभा की ओर से दलीले दी जा रही हैं कि प्रशासन जिस जमीन को जबरन खाली कर रहा है वह सत्संग सभा के नाम से है। इसलिए प्रशासन ने न केवल मनमाने तरीके से बुलडोजर चलाया बल्कि सत्संगियों पर लाठीचार्ज भी किया है। खैर इस मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखने का निर्देश दिया है। साथ ही मामले की अगली सुनवाई पांच अक्टूबर को निर्धारित किया है। 


राधा स्वामी सत्संग सभा किस प्रकार की संस्था है 

20 जनवरी 1915 को, यूपी के आगरा शहर में, राधा स्वामी सत्संग सभा की स्थापना हुई। जिसकी नींव सर आनंद स्वरूप साहिब ने एक आध्यात्मिक संस्था के तौर रखी थी। स्थापना के कुछ ही महीनों बाद, सत्संग सभा ने आगरा के दयालबाग में 9 बीघा जमीन खरीदी। इसके बाद, आसपास के गांवों जैसे लाल गढ़ी, सिकंदरपुर, खासपुर, मनोहरपुर, जगनपुर, नगला तल्फी, जगन्नाथपुर और बूढ़ी का नगला से लोग सत्संग सभा में शामिल होने लगे। इसके बाद धीरे-धीरे सत्संग सभा की सत्ता करीब 10 किलोमीटर के दायरे में फैल गई। 

विवाद का किस्सा कितना पुराना 
इसके बाद से संस्था का जमीन को लेकर प्रशासन से विवाद शुरू हो गया। जानकारों की ओर से सत्संग सभा और ग्रामीणों के बीच विवादों की लंबी फेहरिस्त गिनाई जाती है। बताया जाता है कि इसी तरह का एक विवाद साल 2009 में हुआ था। जिसमें एक सत्संगी युवक की जान चली गईं थी और कई ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हुए थे। खैर हर बार जिला प्रशासन के लापरवाही वाले रवैये ने सत्संग सभा के हौसले बुलंद कर दिए। जिसका रिजल्ट ये हुआ कि महज 9 बीघा जमीन से अपना सफर तय करने वाली सत्संग सभा, 1500 एकड़ जमीन पर अपना कब्ज़ा जताने लगी। 
सत्संग सभा यही नहीं रुकी बल्कि इसने इसी साल पौईया घाट यमुना डूब क्षेत्र की जमीन पर ऐसी जमीन पर जबरन कब्जा कर लिया जो कि राजस्व रिकार्ड में हाईवे, रास्ते और सड़क के नाम से दर्ज है। जिसके बाद प्रशासन ने जागते हुए एक्शन लेना शुरू किया। उसके बाद कब्ज़ा हटाने गयी फ़ोर्स और सत्संग सभा के बीच जमकर बवाल हुआ। सभा की अपनी महिला सैनिको समेत सत्संगियों ने प्रशासन पर धावा बोल दिया। जिसके बाद यह मामला कोर्ट की शरण में पहुंच गया है। 

 

 

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