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छिपी हुई आस्थाओं को मिलेगा मंच, अब यूपी में छोटे मंदिरों को भी मिलेगा सम्मान...

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जब बात होती है धार्मिक स्थलों की, तो सबसे पहले ज़हन में आते हैं नाम-अयोध्या, वाराणसी और मथुरा। भव्य मंदिर, लाखों श्रद्धालुओं की भीड़, और आध्यात्मिकता से लबरेज़ गलियों की छवियां हर किसी के मन में बसी हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार अब इस पारंपरिक तस्वीर को और व्यापक करने जा रही है। सरकार ने अब फैसला किया है कि न केवल बड़े तीर्थस्थलों पर, बल्कि छोटे लेकिन ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व रखने वाले कस्बों व गांवों पर भी खास ध्यान दिया जाएगा। इस पहल के ज़रिए धार्मिक पर्यटन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।

Mini Religious Circuits की ओर कदम

इस नई सोच के पीछे उद्देश्य साफ है - स्थानीय धार्मिक स्थलों को पहचान दिलाना, पर्यटन को बढ़ावा देना और लोकल इकॉनमी को सशक्त बनाना। इसके लिए राज्यभर में ऐसे शहर और कस्बे चिन्हित किए जा रहे हैं जहां कोई न कोई पुराना मंदिर, तीर्थ स्थल या धार्मिक धरोहर मौजूद है, भले ही वह राष्ट्रीय स्तर पर अभी तक बहुत प्रसिद्ध न हो। इन जगहों को AMRUT 2.0 और अन्य सरकारी योजनाओं के तहत विकसित किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत जो सुविधाएं दी जाएंगी, उनमें शामिल हैं:

  • बेहतर सड़क और संपर्क मार्ग

  • साफ-सुथरी और सुविधाजनक पार्किंग

  • ठहरने के लिए धर्मशालाएं और विश्राम स्थल

  • मंदिर परिसरों का सौंदर्यीकरण और साफ-सफाई

  • डिजिटल गाइडेंस और सूचना केंद्र

अब ‘Mini तीर्थयात्रा’ होगी बड़ा अनुभव

सोचिए, अगर आप मिर्ज़ापुर के विंध्यवासिनी देवी मंदिर, प्रतापगढ़ की बेल्हा देवी, या कुशीनगर के बौद्ध स्थलों पर जाएं, और वहां भी आपको वैसी ही सुव्यवस्था मिले जैसी वाराणसी के काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में दिखी — तो क्या ये छोटे शहर भी बड़ी धार्मिक पहचान नहीं बन जाएंगे? सरकार यही विज़न लेकर चल रही है। यह योजना केवल धार्मिक भावना को सम्मान देने तक सीमित नहीं, बल्कि इसके माध्यम से इन क्षेत्रों की आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक उन्नति को भी तेज़ किया जाएगा।

स्थानीय लोगों को मिलेगा लाभ

इस योजना से सबसे बड़ा फायदा स्थानीय लोगों को होगा:

  • छोटे व्यापारियों, होटल व ढाबा संचालकों को अधिक पर्यटक मिलेंगे

  • स्थानीय हस्तशिल्प और उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा

  • रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे और गांव-कस्बों में पलायन घटेगा

हर कस्बा बनेगा श्रद्धा का केंद्र

उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम धार्मिक पर्यटन के नक्शे पर एक नई इबारत लिखने जा रहा है। अब देश और दुनिया को सिर्फ अयोध्या, मथुरा या वाराणसी ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के हर कोने में छिपे छोटे-बड़े तीर्थस्थलों की शक्ति और सुंदरता भी दिखेगी।

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