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ऐ भाई जरा देख के चलो: यूपी के ये पुल हैं असुरक्षित ?

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इस साल 30 अक्टूबर को गुजरात में हुए मोरबी पुल हादसे ने देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हादसे में सैकड़ों लोगों की जान जान गई  और कई परिवार तबाह हो गए देश में हुई इतनी बड़ी घटना के बाद अलग-अलग राज्य सरकारें अलर्ट पर हैं और इसी दिशा में काम  करते हुए पिछले दिनों यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के पुलों की फिटनेस जांच के आदेश दिए थे। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद प्रदेश में कुल 5283 पुलों की सुरक्षा की जांच करवाई है, जिसमें 25 पुल असुरक्षित पाए गए हैं। इस जांच में 7 पुल मेरठ के 4 चंदौली के दो मिर्जापुर, दो प्रतापगढ़, एक आगरा, एक वाराणसी, एक जौनपुर, एक शाजहांपुर, एक बरेली और एक मुरादाबाद जिले के पुल असुरक्षित पाए गए। तो वहीं राजधानी के करीब रायबरेली में भी 2 पुल असुरक्षित पाए गए हैं।

बता दें उत्तर प्रदेश में भी ऐसे हादसे हुए हैं जैसे 15 मई 2018 को वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन के पास निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा गिर गया था। हादसे में 18 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 10 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। इसके आलावा पिछले साल शाहजहांपुर में रामगंगा नदी पर बने दो किलोमीटर लंबे पुल का एक हिस्सा गिर गया था और हाल ही में यूपी के चन्दौली जिले की चकिया तहसील में पुल का एक हिस्सा अचानक गिर गया था। ऐसे ही कई पुल हादसे हो चुके हैं जिनमें जान-माल की हानि भी हुई है।

पुल यानी ब्रिज कई प्रकार के होते हैं जैसे आर्क ब्रिज, बीम ब्रिज, केबल-स्टैड ब्रिज,  सस्पेन्शन ब्रिज और ट्रस ब्रिज वैसे तो ये सभी पुल मजबूत होते हैं लेकिन जितने भी पुल हादसे होते हैं उनमें अलग-अलग प्रकार के पुल टूटने के कारण भी अलग-अलग होते हैं और सभी प्रकार के पुल के टूटने के पीछे कुछ समान कारण भी होते हैं जैसे कि पुल की क्षमता उसकी डिजाइन पर निर्भर करती है और इस साल 30 अक्टूबर को गुजरात में हुए मोरबी पुल हादसे ने देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हादसे में सैकड़ों लोगों की जान जान गई  और कई परिवार तबाह हो गए देश में हुई इतनी बड़ी घटना के बाद अलग-अलग राज्य सरकारें अलर्ट पर हैं और इसी दिशा में काम  करते हुए पिछले दिनों यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के पुलों की फिटनेस जांच के आदेश दिए थे। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद प्रदेश में कुल 5283 पुलों की सुरक्षा की जांच करवाई है, जिसमें 25 पुल असुरक्षित पाए गए हैं। इस जांच में 7 पुल मेरठ के 4 चंदौली के दो मिर्जापुर, दो प्रतापगढ़, एक आगरा, एक वाराणसी, एक जौनपुर, एक शाजहांपुर, एक बरेली और एक मुरादाबाद जिले के पुल असुरक्षित पाए गए। तो वहीं राजधानी के करीब रायबरेली में भी 2 पुल असुरक्षित पाए गए हैं।

बता दें उत्तर प्रदेश में भी ऐसे हादसे हुए हैं जैसे 15 मई 2018 को वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन के पास निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा गिर गया था। हादसे में 18 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 10 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। इसके आलावा पिछले साल शाहजहांपुर में रामगंगा नदी पर बने दो किलोमीटर लंबे पुल का एक हिस्सा गिर गया था और हाल ही में यूपी के चन्दौली जिले की चकिया तहसील में पुल का एक हिस्सा अचानक गिर गया था। ऐसे ही कई पुल हादसे हो चुके हैं जिनमें जान-माल की हानि भी हुई है।

पुल यानी ब्रिज कई प्रकार के होते हैं जैसे आर्क ब्रिज, बीम ब्रिज, केबल-स्टैड ब्रिज,  सस्पेन्शन ब्रिज और ट्रस ब्रिज वैसे तो ये सभी पुल मजबूत होते हैं लेकिन जितने भी पुल हादसे होते हैं उनमें अलग-अलग प्रकार के पुल टूटने के कारण भी अलग-अलग होते हैं और सभी प्रकार के पुल के टूटने के पीछे कुछ समान कारण भी होते हैं जैसे कि

**अगर उस पर उसकी क्षमता से ज्यादा भार के कारण पुल टूट सकता है। 
**पुल के पुराने होने पर और उसको सही समय पर रिपेयर न किया जाने पर पुल टूट सकता है। 
**इसके अलावा, पुल की बनावट, मैनटेमनेंस और उस पुल का प्रकार भी उसके टूटने का कारण बन सकता है।

आपको बता दें ये जांच लोक निर्माण विभाग की ओर से की गई है। लोक निर्माण विभाग ही वो विभाग है जो प्रदेश की सड़कों, पुलों, रेलवे अपस्ट्रीम पुलों/डाउनस्ट्रीम पुलों/बाईपास और रिंग रोड के पुनर्निर्माण, बहाली, सुधार और रखरखाव और गांवों को पक्की सड़कों से जोड़ता है। इसका उद्देश्य राज्य से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों के रखरखाव के साथ-साथ निर्माण कार्यों में गुणवत्ता और समय सुनिश्चित करना और विभाग द्वारा निर्मित सड़कों पर अतिक्रमण को रोकना भी है।

 हुए मोरबी पुल हादसे ने देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हादसे में सैकड़ों लोगों की जान जान गई और कई परिवार तबाह हो गए देश में हुई इतनी बड़ी घटना के बाद अलग-अलग राज्य सरकारें अलर्ट पर हैं और इसी दिशा में काम  करते हुए पिछले दिनों यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के पुलों की फिटनेस जांच के आदेश दिए थे। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद प्रदेश में कुल 5283 पुलों की सुरक्षा की जांच करवाई है, जिसमें 25 पुल असुरक्षित पाए गए हैं। इस जांच में 7 पुल मेरठ के 4 चंदौली के दो मिर्जापुर, दो प्रतापगढ़, एक आगरा, एक वाराणसी, एक जौनपुर, एक शाजहांपुर, एक बरेली और एक मुरादाबाद जिले के पुल असुरक्षित पाए गए। तो वहीं राजधानी के करीब रायबरेली में भी 2 पुल असुरक्षित पाए गए हैं।

बता दें उत्तर प्रदेश में भी ऐसे हादसे हुए हैं जैसे 15 मई 2018 को वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन के पास निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा गिर गया था। हादसे में 18 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 10 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। इसके आलावा पिछले साल शाहजहांपुर में रामगंगा नदी पर बने दो किलोमीटर लंबे पुल का एक हिस्सा गिर गया था और हाल ही में यूपी के चन्दौली जिले की चकिया तहसील में पुल का एक हिस्सा अचानक गिर गया था। ऐसे ही कई पुल हादसे हो चुके हैं जिनमें जान-माल की हानि भी हुई है।

पुल यानी ब्रिज कई प्रकार के होते हैं जैसे आर्क ब्रिज, बीम ब्रिज, केबल-स्टैड ब्रिज,  सस्पेन्शन ब्रिज और ट्रस ब्रिज वैसे तो ये सभी पुल मजबूत होते हैं लेकिन जितने भी पुल हादसे होते हैं उनमें अलग-अलग प्रकार के पुल टूटने के कारण भी अलग-अलग होते हैं और सभी प्रकार के पुल के टूटने के पीछे कुछ समान कारण भी होते हैं जैसे कि

** पुल की क्षमता उसकी डिजाइन पर निर्भर करती है और अगर उस पर उसकी क्षमता से ज्यादा भार के कारण पुल टूट सकता है। 
**पुल के पुराने होने पर और उसको सही समय पर रिपेयर न किया जाने पर पुल टूट सकता है। 
**इसके अलावा, पुल की बनावट, मैनटेमनेंस और उस पुल का प्रकार भी उसके टूटने का कारण बन सकता है।

आपको बता दें ये जांच लोक निर्माण विभाग की ओर से की गई है। लोक निर्माण विभाग ही वो विभाग है जो प्रदेश की सड़कों, पुलों, रेलवे अपस्ट्रीम पुलों/डाउनस्ट्रीम पुलों/बाईपास और रिंग रोड के पुनर्निर्माण, बहाली, सुधार और रखरखाव और गांवों को पक्की सड़कों से जोड़ता है। इसका उद्देश्य राज्य से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों के रखरखाव के साथ-साथ निर्माण कार्यों में गुणवत्ता और समय सुनिश्चित करना और विभाग द्वारा निर्मित सड़कों पर अतिक्रमण को रोकना भी है। 

 

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