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इन 4 राज्यों में क्यों होगी मॉक ड्रिल? हवाई हमलों से बचाव की तैयारी या फिर कुछ और...

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पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव और संभावित सुरक्षा खतरों के मद्देनज़र केंद्र सरकार ने ‘ऑपरेशन शील्ड’ के तहत शनिवार शाम 5 बजे से सीमावर्ती राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में एक बार फिर मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्णय लिया है। इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य हवाई हमलों, ड्रोन और मिसाइल हमलों से बचाव, आपात प्रतिक्रिया प्रणाली की परख और स्थानीय प्रशासन की तत्परता का आकलन करना है।

किन राज्यों में होगी मॉक ड्रिल?

यह मॉक ड्रिल जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात के साथ-साथ हरियाणा और केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ में आयोजित की जा रही है। नागरिक सुरक्षा अधिकारियों ने सभी संबंधित राज्यों से स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन एजेंसियों के साथ समन्वय करते हुए ड्रिल की योजना और क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

क्या होगा मॉक ड्रिल में?

गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार, मॉक ड्रिल में निम्नलिखित गतिविधियाँ की जाएंगी:

  • हवाई हमलों की चेतावनी देने वाले सायरन बजाए जाएंगे।

  • दुश्मन के विमानों, ड्रोन और मिसाइल हमलों से बचने के तरीके सिखाए जाएंगे।

  • आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणालियों (Emergency Response Systems) की टेस्टिंग की जाएगी।

  • ब्लैकआउट (पूर्ण अंधकार) की स्थिति बनाई जाएगी ताकि रात में हमलों से बचाव किया जा सके।

  • महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों, सरकारी इमारतों और सार्वजनिक स्थानों की सुरक्षा की जांच की जाएगी।

  • लोगों को संवेदनशील इलाकों से सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की योजना का अभ्यास होगा।

  • भारतीय वायुसेना और नागरिक सुरक्षा नियंत्रण कक्ष के बीच हॉटलाइन संचार व्यवस्था स्थापित की जाएगी।

  • एनसीसी, एनएसएस और भारत स्काउट एवं गाइड जैसे संगठनों के स्वयंसेवकों की सेवाएं ली जाएंगी।

मॉक ड्रिल का उद्देश्य क्या है?

इस ड्रिल का मुख्य उद्देश्य देश की सुरक्षा तैयारियों को मजबूती देना, आम जनता को आपात स्थिति से निपटने के लिए जागरूक करना और प्रशासनिक मशीनरी की रफ्तार व समन्वय को परखना है। इससे पहले, 7 मई को भी गृह मंत्रालय के निर्देश पर 244 जिलों में इसी प्रकार की मॉक ड्रिल कराई गई थी।

पहले क्यों टली थी ड्रिल?

गौरतलब है कि यह मॉक ड्रिल पहले बृहस्पतिवार को होनी थी, लेकिन प्रशासनिक कारणों से इसे स्थगित कर दिया गया था। यह अभ्यास 10 मई को पाकिस्तान के साथ लागू हुए संघर्ष विराम के बाद पहली बार कराया जा रहा है।

प्रशासन तैयार

राज्यों में संबंधित अधिकारियों ने शुक्रवार को बैठक कर तैयारियों की समीक्षा की और सभी ज़िलों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। अग्निशमन सेवाएं और होमगार्ड निदेशालय मॉक ड्रिल को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे। ऑपरेशन शील्ड के ज़रिए सरकार यह संदेश देना चाहती है कि देश किसी भी आपात परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है और सीमावर्ती इलाकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।

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