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इन शहरों में नहीं है मरने की इजाजत… और वजह जानकर घूम जाएगा दिमाग!

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मौत ज़िंदगी का एक अटल सत्य है — जिसे कोई रोक नहीं सकता। लेकिन ज़रा सोचिए अगर आपको बताया जाए कि कुछ शहरों में "मरना" गैरकानूनी है! जी हां, यह किसी फिल्म की कहानी नहीं, बल्कि सच्चाई है। दुनिया के कुछ शहरों में ऐसे विचित्र कानून बनाए गए हैं, जहां मृत्यु पर ही रोक लगा दी गई है। आइए जानते हैं वो शहर कौन-से हैं और क्यों बनाए गए ऐसे चौंकाने वाले कानून।

1. स्पेन का ‘लंजारोन’: जहां मौत पर है बैन

स्पेन के अंडालूसिया के ग्रेनाडा प्रांत में स्थित एक छोटा-सा शहर है लंजारोन, जहां मरना "अवैध" है। यह कानून 1999 में उस समय के मेयर जोसे रुबियो ने व्यंग्य के रूप में लागू किया था — कारण था शहर के एकमात्र कब्रिस्तान में जगह की भारी कमी। मेयर ने घोषणा की कि शहरवासी तब तक न मरें जब तक टाउन हॉल नई जमीन खरीदकर शवों के लिए पर्याप्त स्थान न बना ले!

आदेश में लिखा गया था:

"लंजारोन में मरना मना है। कृपया अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें ताकि मरने की नौबत न आए, क्योंकि दफनाने की जगह नहीं है।"

हालांकि यह कानून प्रतीकात्मक था, लेकिन स्थानीय लोगों ने इसे हास्य और गंभीरता दोनों से लिया। मज़ेदार बात यह है कि 26 साल बाद भी लंजारोन में सिर्फ एक ही कब्रिस्तान है।

2. नॉर्वे का ‘लॉन्गईयरब्येन’: जहां शव नहीं सड़ते

दुनिया के सबसे उत्तरी बसे हुए इलाकों में शामिल है लॉन्गईयरब्येन, जो नॉर्वे के आर्कटिक क्षेत्र में स्थित है।
यहां 1950 से मरना प्रतिबंधित है — और वजह है यहां की ज़मीन!

यहां की बेहद ठंडी और बर्फीली जलवायु के कारण दफनाए गए शव सड़ते नहीं, बल्कि जैसे के तैसे संरक्षित रह जाते हैं। 20वीं सदी में वैज्ञानिकों ने जब पुराने शवों का परीक्षण किया, तो 1917 के स्पैनिश फ्लू वायरस के जिंदा नमूने मिल गए। इससे यह डर पैदा हुआ कि पुरानी महामारी फिर से फैल सकती है, और कब्रिस्तान को तत्काल बंद कर दिया गया। अब इस शहर में अगर किसी की तबीयत बिगड़ती है, तो उसे हवाई मार्ग से दूसरे शहर भेज दिया जाता है, क्योंकि यहां मरना मना है।

मौत पर कानून — मज़ाक या मजबूरी?

ऐसे कानून पहली नज़र में भले ही मजाकिया या अजीब लगें, लेकिन इनके पीछे के कारण स्थानीय समस्याएं और वैज्ञानिक खतरे हैं। लंजारोन में जगह की कमी थी, तो लॉन्गईयरब्येन में स्वास्थ्य संकट। ये कानून असल में ध्यान आकर्षित करने वाले प्रतीकात्मक आदेश हैं, जो जनता को सोचने पर मजबूर कर देते हैं।

क्या भारत में भी हो सकते हैं ऐसे कानून?

भारत में इस तरह के "मृत्यु विरोधी" कानून तो नहीं हैं, लेकिन कब्रिस्तान और श्मशान घाटों की कमी कई शहरों में गंभीर समस्या बनती जा रही है। अगर समय रहते शहरी नियोजन पर ध्यान न दिया गया, तो कहीं न कहीं ऐसे हास्यात्मक आदेशों की ज़रूरत शायद भारत को भी पड़ सकती है।

मौत को रोकना किसी के बस में नहीं है, लेकिन दुनिया में कुछ शहर ऐसे हैं जहां इंसानों ने मौत को भी चुनौती दी है — कानून बना कर! ये खबरें हमें एक नई सोच देती हैं कि ज़िंदगी की सबसे अनिवार्य सच्चाई से कैसे कुछ शहर हास्य, विवेक और व्यवस्था के अनोखे मिश्रण से निपटने की कोशिश कर रहे हैं।

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