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100+ फर्जी कंपनियां, 500 करोड़ का लोन! क्या कांग्रेस के पूर्व सांसद हैं इस घोटाले के मास्टरमाइंड?

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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अंडमान निकोबार राज्य सहकारी बैंक (ANSCoB) धोखाधड़ी मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए, पूर्व कांग्रेस सांसद कुलदीप राय शर्मा और उनके सहयोगियों पर 500 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण घोटाले का आरोप लगाया है। इस सिलसिले में ईडी ने पोर्ट ब्लेयर, आसपास के इलाकों और कोलकाता में कुल 21 ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया।

बैंक, फर्जी कंपनियां और भ्रष्ट अधिकारियों का गठजोड़!

ईडी की प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि पूर्व सांसद कुलदीप राय शर्मा, जो हाल तक अंडमान निकोबार राज्य सहकारी बैंक के उपाध्यक्ष भी थे, उन्होंने अपने करीबियों के साथ मिलकर कई फर्जी कंपनियां बनाईं और इन्हीं के नाम पर बैंक से 100 से अधिक ऋण खाते खुलवाए गए।

इन खातों के माध्यम से बिना वैध प्रक्रियाओं और गाइडलाइन्स का पालन किए 500 करोड़ रुपये से अधिक की ऋण सुविधाएं हासिल की गईं। यह धनराशि बाद में नकद निकासी, मनी लॉन्ड्रिंग और रिश्वत के रूप में गबन की गई।

दस्तावेज़ों से खुली पोल: 100 करोड़ की संपत्तियों के कागजात भी बरामद

ईडी ने तलाशी के दौरान सैकड़ों की संख्या में संदिग्ध दस्तावेज, संपत्ति के पेपर्स और ऋण स्वीकृति से जुड़े अनियमित रिकॉर्ड बरामद किए हैं। इन दस्तावेज़ों से यह संकेत मिला है कि बैंक के शीर्ष अधिकारियों और निजी व्यक्तियों के गठजोड़ ने योजनाबद्ध तरीके से पूरे तंत्र को धोखे में रखकर इस घोटाले को अंजाम दिया।

 रिश्वतखोरी और सत्ता का दुरुपयोग

तलाशी में यह भी सामने आया है कि बैंक अधिकारियों को करोड़ों रुपये की रिश्वत दी गई थी। इन अधिकारियों ने न सिर्फ कर्ज मंजूर किए बल्कि आगे चलकर उनके भुगतान की निगरानी भी नहीं की। कई ऋण खातों की रकम नकद में निकाली गई और ट्रैकिंग से बचने के लिए अलग-अलग खातों और मुखौटा कंपनियों में भेजी गई।

क्या हैं आगे के कदम?

ईडी ने कहा है कि वह बरामद दस्तावेजों और डिजिटल साक्ष्यों की गहन जांच कर रहा है। अधिकारियों के मुताबिक, जल्द ही कुछ गिरफ्तारियां हो सकती हैं और पूर्व सांसद सहित बैंक अधिकारियों की संपत्तियों को फ्रीज़ और जब्त करने की प्रक्रिया भी शुरू हो सकती है।

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