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बस एक क्लिक से जानिए आप वोटर हैं या नहीं! आयोग ने लिंक किया जारी

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बिहार में आगामी चुनावों की तैयारियों के तहत भारत निर्वाचन आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) के बाद प्रारूप मतदाता सूची (Draft Electoral Roll) जारी कर दी है। यह सूची 1 अगस्त 2025 से आम नागरिकों के लिए उपलब्ध है। अब राज्य के मतदाता देख सकेंगे कि उनका नाम वोटर लिस्ट में है या नहीं। यदि नाम नहीं है, या कोई गलत जानकारी है, तो 2 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक इसके लिए दावा या आपत्ति दर्ज कराई जा सकती है।

वोटर लिस्ट में ऐसे चेक करें अपना नाम

भारत निर्वाचन आयोग ने ड्राफ्ट वोटर लिस्ट को ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड कर दिया है। मतदाता निम्नलिखित लिंक पर जाकर अपना या अपने परिजनों का नाम देख सकते हैं:

🔗 https://voters.eci.gov.in/download-eroll?stateCode=S04

यहां मतदाता अपने विधानसभा क्षेत्र, नाम, पता, या EPIC नंबर (मतदाता पहचान पत्र क्रमांक) की मदद से सूची में अपनी प्रविष्टि की जांच कर सकते हैं।

2 अगस्त से कहां करें दावा / आपत्ति?

2 अगस्त से राज्यभर के प्रखंड सह अंचल कार्यालय, नगर निगम, नगर परिषद, नगर पंचायत, और अन्य शहरी निकाय कार्यालयों में निर्वाचन आयोग द्वारा विशेष दावा/आपत्ति कैम्प लगाए जाएंगे।

समय: सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक
अवधि: 2 अगस्त से 1 सितंबर तक (रविवार और त्योहारों सहित हर दिन खुले रहेंगे)

इन शिविरों में कोई भी पात्र नागरिक:

  • नाम जोड़ने के लिए फॉर्म-6

  • नाम हटाने के लिए फॉर्म-7

  • सुधार के लिए फॉर्म-8
    जमा कर सकता है।

जिन मतदाताओं का नाम सूची में छूट गया हो या गलत हो, वे इन्हीं कैम्पों में सुधार करवा सकेंगे।

65 लाख वोटरों का नाम हटाया गया

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि विशेष पुनरीक्षण के तहत 7.24 करोड़ मतदाताओं का सत्यापन किया गया, जिसमें 65 लाख वोटरों के नाम हटा दिए गए हैं। हटाए गए नाम तीन मुख्य वजहों से हटाए गए हैं:

  1. मतदाता की मृत्यु हो चुकी है

  2. मतदाता अन्य स्थान पर पहले से सूचीबद्ध है

  3. मतदाता स्थायी रूप से राज्य से बाहर चला गया है

इससे यह आशंका बनी हुई है कि कहीं सक्रिय वोटरों का नाम गलती से तो नहीं हट गया। इसलिए आयोग ने सभी नागरिकों से अपना नाम अवश्य चेक करने की अपील की है।

राजनीतिक दलों को भी मिली सूची

मुख्य निर्वाचन अधिकारी, बिहार और सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारियों द्वारा 243 निर्वाचन क्षेत्रों की प्रारूप सूची की डिजिटल और भौतिक प्रतियां सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को उपलब्ध करा दी गई हैं। वे भी इन सूचियों के माध्यम से अपने कार्यकर्ताओं को वोटर लिस्ट में नाम चेक करने को कह सकते हैं।

क्यों जरूरी है यह प्रक्रिया?

यह प्रक्रिया केवल सूची सुधार के लिए नहीं, बल्कि चुनाव की पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम है। आयोग का उद्देश्य है कि एक भी पात्र नागरिक वोटिंग से वंचित न रहे और एक भी अपात्र व्यक्ति मतदान सूची में न हो।

निवेशकों के लिए अलर्ट

अगर आप 18 वर्ष के हो चुके हैं या जल्द होने वाले हैं, तो वोटर बनने का यह सुनहरा मौका है। 2 अगस्त से शुरू होने वाले शिविर में जाकर आप फॉर्म 6 भरकर पहली बार वोटर लिस्ट में नाम जुड़वा सकते हैं।

 

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