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भारत में उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव की तारीख का ऐलान हो चुका है। निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने शुक्रवार को इस अहम पद के लिए चुनाव कार्यक्रम जारी कर दिया है। 9 सितंबर 2025 को देश को उसका अगला उपराष्ट्रपति मिलेगा। वर्तमान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जून 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा सौंपा था, जिसके बाद से यह पद खाली है। अब ऐसे में यह जानना जरूरी है कि उपराष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है? कौन इस दौड़ में शामिल हो सकता है? और सबसे महत्वपूर्ण—कैसे होता है मतदान?
कौन डालते हैं उपराष्ट्रपति चुनाव में वोट?
उपराष्ट्रपति का चुनाव आम जनता द्वारा नहीं, बल्कि संसद के सदस्यों द्वारा किया जाता है। इसमें शामिल होते हैं:
लोकसभा के 543 सदस्य
राज्यसभा के 233 निर्वाचित और 12 मनोनीत सदस्य
कुल मिलाकर 788 सांसद इस चुनाव में वोटिंग के पात्र होते हैं। यह संख्या वास्तविक वोटिंग के समय बदल सकती है, अगर कोई सीट खाली होती है।
वोटिंग होती है 'सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम' से
भारत के संविधान के अनुच्छेद 66 के तहत उपराष्ट्रपति चुनाव अनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के जरिए होता है। इसे Single Transferable Vote (STV) सिस्टम कहते हैं। मतदाता यानी सांसदों को बैलट पेपर पर अपने पसंदीदा उम्मीदवारों को वरीयता के क्रम में अंक देना होता है:
पहली पसंद को 1,
दूसरी को 2,
और इसी तरह से बाकी को 3, 4, 5…
यह वोटिंग गुप्त मतदान प्रणाली के तहत होती है और इसके लिए चुनाव आयोग द्वारा विशेष पेन मुहैया कराया जाता है।
कैसे तय होता है विजेता?
पहले दौर की गिनती में पहली पसंद के वोट गिने जाते हैं।
यदि कोई उम्मीदवार निर्धारित कोटे तक पहुंच जाता है, तो वही विजेता घोषित कर दिया जाता है।
अगर कोई बहुमत में नहीं होता, तो सबसे कम वोट पाने वाले उम्मीदवार को बाहर कर दिया जाता है।
उनके बैलट पेपरों पर दूसरी प्राथमिकता वाले वोट को अन्य उम्मीदवारों में ट्रांसफर कर दिया जाता है।
यह प्रक्रिया तब तक चलती है, जब तक किसी एक उम्मीदवार को जीत के लिए जरूरी वोट न मिल जाएं।
कौन बन सकता है उपराष्ट्रपति उम्मीदवार?
कोई भी भारतीय नागरिक जिसकी उम्र 35 वर्ष से अधिक हो।
उसे कम से कम 20 सांसदों का समर्थन और 20 सांसदों का प्रस्ताव चाहिए होता है।
इसके अलावा ₹15,000 की जमानत राशि भी जमा करनी होती है।
नामांकन के बाद निर्वाचन अधिकारी उनकी वैधता की जांच करता है।
राष्ट्रपति चुनाव से कैसे अलग है उपराष्ट्रपति का चुनाव?
राष्ट्रपति चुनाव में सांसदों और राज्यों की विधानसभाओं के सदस्य वोट डालते हैं।
लेकिन उपराष्ट्रपति चुनाव केवल संसद के सदस्यों के जरिए होता है।
राष्ट्रपति चुनाव में राज्यसभा के मनोनीत सदस्य वोट नहीं डाल सकते, लेकिन उपराष्ट्रपति चुनाव में वे भी पात्र होते हैं।
आगे क्या होगा?
चुनाव आयोग द्वारा अधिसूचना जारी हो चुकी है। नामांकन, स्क्रूटनी, नाम वापसी और मतदान की तारीखें तय कर दी गई हैं। अब राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज़ हो जाएगी—कौन उम्मीदवार होगा? किसे समर्थन मिलेगा? और किस रणनीति से विपक्ष या सत्ता पक्ष एकजुट होगा?
9 सितंबर को देश को मिलेगा नया उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति का चुनाव तकनीकी रूप से जटिल और राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण होता है। इस बार 9 सितंबर को जब सांसद वोट डालेंगे, तो देश को नया संवैधानिक संरक्षक मिलेगा—जो राज्यसभा का सभापति भी होगा और राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में उसकी भूमिका निभाएगा।
Baten UP Ki Desk
Published : 1 August, 2025, 4:14 pm
Author Info : Baten UP Ki