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भारतवंशी ने बसाया नया डिजिटल देश! क्या सचमुच शुरू हो चुका है 'नई दुनिया' का निर्माण?

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भारतीय-अमेरिकी टेक उद्यमी और पूर्व कॉइनबेस CTO बालाजी श्रीनिवासन ने अपने बहुचर्चित विचार "The Network State" को हकीकत में बदलने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने सिंगापुर के पास एक निजी द्वीप खरीदा है, जिसे अब ‘नेटवर्क स्कूल’ के नाम से जाना जा रहा है। यह स्कूल न केवल एक शैक्षणिक संस्थान है, बल्कि भविष्य के डिजिटल राष्ट्र की एक प्रयोगशाला भी बन गया है।

क्या है 'नेटवर्क स्कूल'?

सितंबर 2024 में शुरू हुए इस स्कूल को एक तीन महीने के आवासीय प्रोग्राम के रूप में डिजाइन किया गया है। यहां दुनियाभर से चुने गए AI एक्सपर्ट्स, स्टार्टअप फाउंडर्स, फिटनेस कोच और इनोवेटर्स को बुलाया जा रहा है। स्कूल में छात्रों को फिजिकल फिटनेस, टेक्नोलॉजी एजुकेशन और नेटवर्क बिल्डिंग पर विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों और वीडियो में इस द्वीप को "जिम प्रेमियों और स्टार्टअप संस्थापकों के लिए स्वर्ग" बताया जा रहा है। यहां सुबह जिम सेशन, दिन में AI और ब्लॉकचेन क्लासेस और शाम को विचार-मंथन के आयोजन होते हैं।

क्या है बालाजी का लक्ष्य?

एक्स (पूर्व ट्विटर) पर बालाजी ने लिखा, “हमने एक द्वीप हासिल कर लिया है। बिटकॉइन की ताकत से अब हमारे पास अपना टुकड़ा है, जहां हम सत्य, स्वास्थ्य और धन के सिद्धांतों पर आधारित समाज बना रहे हैं।” उन्होंने कहा कि यह परियोजना “डिजिटल युग के लिए लोकतंत्र को फिर से परिभाषित करने” की कोशिश है। वह ऐसे डिजिटल नागरिकों की तलाश में हैं जो व्यक्तिगत विकास के साथ-साथ सामाजिक बदलाव में भी विश्वास रखते हों।

कौन हैं बालाजी श्रीनिवासन?

तमिलनाडु मूल के बालाजी श्रीनिवासन का जन्म न्यूयॉर्क में हुआ था। उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग में PhD तक की शिक्षा ली है। वे Counsyl, Earn.com, Teleport, और 21 Inc. जैसे स्टार्टअप्स के को-फाउंडर रहे हैं। Coinbase में CTO और Andreessen Horowitz में जनरल पार्टनर के रूप में काम कर चुके हैं। बालाजी का मानना है कि पारंपरिक सरकारें अब डिजिटल युग के लिए उपयुक्त नहीं रहीं। ऐसे में एक tech-first, decentralized राष्ट्र ही भविष्य का रास्ता है। हालांकि, आलोचक इस विचार को टेक्नो-यूटोपिया या नव उपनिवेशवाद की संज्ञा देते हैं।

क्या यही भविष्य है?

फिलहाल, यह पहल वैश्विक मीडिया और टेक्नोलॉजी हलकों में चर्चा का विषय बन गई है। बालाजी का अगला लक्ष्य दुबई, टोक्यो और मियामी जैसे शहरों में नेटवर्क स्कूल मॉडल को फैलाना है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह ‘नेटवर्क स्कूल’ वाकई भविष्य के राष्ट्रों का पहला खाका बन पाएगा या यह भी एक प्रयोग भर बनकर रह जाएगा। लेकिन इतना तय है — दुनिया अब इस डिजिटल द्वीप पर नज़रें गड़ाए बैठी है।

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