बड़ी खबरें

पीएम मोदी से मिलकर भावुक हो गईं ऐशन्या, बोलीं- ऐसा लगा जैसे किसी बड़े ने सिर पर हाथ रख दिया हो 2 घंटे पहले वित्तीय वर्ष 2024-25 में जीडीपी वद्धि दर धीमी होकर 6.5% हुई, पिछले साल 9.2% था आंकड़ा 2 घंटे पहले IPL एलिमिनेटर- रोहित 300 छक्के लगाने वाले पहले भारतीय:कोहली के बाद 7 हजार रन बनाने वाले दूसरे बैटर 51 मिनट पहले

एक हफ्ते में तीन गुना बढ़े देश में कोरोना के केस! क्या नए वैरिएंट से फिर लौटेगा डर का दौर?

Blog Image

क्या आपके गले में खराश, बुखार या जुकाम है और आप इसे सिर्फ बदलते मौसम का असर समझ रहे हैं? जरा सावधान हो जाइए! देश में एक बार फिर कोरोना वायरस ने दस्तक दे दी है, और इस बार इसका नया रूप पहले से कहीं ज्यादा संक्रामक बताया जा रहा है।

एक हफ्ते में तीन गुना केस बढ़े, 10 की मौत

पिछले एक हफ्ते में कोरोना के केसों में तीन गुना उछाल आया है। 19 मई तक जहां देश में 257 एक्टिव केस थे, वहीं 28 मई तक यह आंकड़ा बढ़कर 1200 पहुंच गया है। अकेले इस हफ्ते 823 नए मामले सामने आए हैं और 10 लोगों की मौत हुई है। सबसे ज्यादा केस केरल (430) और महाराष्ट्र (325) में दर्ज किए गए हैं।

देश में कौन-कौन से नए वैरिएंट्स फैले हैं?

ICMR के मुताबिक, देश में कोरोना के चार नए सब-वैरिएंट्स सक्रिय हैं — JN.1, LF.7, XFG, और NB.1.8.1। इनमें JN.1 सबसे ज्यादा पाया जा रहा है। यह वैरिएंट ओमिक्रॉन परिवार का हिस्सा है और इसकी पहचान सबसे पहले लक्जमबर्ग में अगस्त 2023 में हुई थी। JN.1 को सबसे अधिक संक्रामक माना जा रहा है क्योंकि यह उन लोगों को भी संक्रमित कर सकता है जो पहले कोविड-19 से संक्रमित हो चुके हैं या जिन्हें वैक्सीन लगी है। हालांकि अच्छी खबर यह है कि यह शुरुआती लहरों की तरह घातक नहीं है।

कितना तेजी से फैल रहा है नया वैरिएंट?

WHO के अनुसार, नए वैरिएंट्स का रिप्रोडक्शन नंबर (RO) 4 से 7 के बीच है, यानी एक संक्रमित व्यक्ति औसतन 4 से 7 लोगों को संक्रमित कर सकता है। पुराने कोविड-19 वैरिएंट्स की तुलना में यह 50-70% ज्यादा तेजी से फैलता है।

क्या वैक्सीन अब भी असरदार है?

विशेषज्ञों का कहना है कि पुरानी वैक्सीनेशन कोरोना के नए वैरिएंट्स को पूरी तरह रोक नहीं सकती, लेकिन ये संक्रमण के प्रभाव को कम जरूर कर देती हैं। Pfizer, Moderna और Covovax जैसी वैक्सीन्स को ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट्स के लिए अपडेट किया गया है और ये संक्रमण को 50-90% तक रोकने में सक्षम हैं।

किन लोगों को ज्यादा खतरा?

विशेषज्ञों के मुताबिक, इन चार समूहों को नए वैरिएंट्स से ज्यादा खतरा है:

  • 65 साल से ऊपर के बुजुर्ग, खासकर जिन्हें बूस्टर डोज नहीं मिली है।

  • एक साल से कम उम्र के बच्चे, हालांकि भारत में फिलहाल इन मामलों की संख्या कम है।

  • कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग, जैसे कैंसर या HIV मरीज।

  • अधिक यात्रा करने वाले लोग, जो देश-विदेश से वायरस ला सकते हैं।

क्या फिर से मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है?

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि पुराने उपाय — मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग और हैंड सैनिटाइज़र का इस्तेमाल — अब भी कारगर हैं और इन्हें दोबारा अपनाने का वक्त आ गया है।

क्या फिर से लगेगा लॉकडाउन?

स्वास्थ्य विशेषज्ञों मुताबिक, अभी स्थिति लॉकडाउन जैसी नहीं है। सरकार अलर्ट मोड पर जरूर है और अस्पतालों में अतिरिक्त व्यवस्था की जा रही है, लेकिन देशभर में लॉकडाउन लगाने जैसी कोई तत्काल योजना नहीं है।

सरकार की तैयारी और आपकी ज़िम्मेदारी

भारत सरकार ने नए वैरिएंट्स से निपटने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। अस्पतालों में अतिरिक्त बेड्स और ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि अभी घबराने की नहीं, सावधानी बरतने की ज़रूरत है। तो अगर आपके शरीर में हल्के लक्षण भी दिखें — जुकाम, बुखार, गले में खराश — तो टेस्ट करवाएं, आइसोलेट रहें और दूसरों को संक्रमित होने से बचाएं।

अन्य ख़बरें

संबंधित खबरें