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साल 2025 की गर्मी ने तोड़े पिछले रिकॉर्ड! वैश्विक तापमान में हुई इतनी बढ़ोतरी

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जलवायु परिवर्तन के खतरनाक संकेत एक बार फिर साफ तौर पर सामने आए हैं। साल 2025 की शुरुआत से ही वैश्विक तापमान में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है, जिसने इसे अब तक के पांच सबसे गर्म वर्षों में शामिल होने की दिशा में आगे बढ़ा दिया है। अमेरिकी संस्था नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) के नेशनल सेंटर फॉर एन्वायर्नमेंटल इंफॉर्मेशन (NCEI) की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 अब तक के दूसरे सबसे गर्म साल के रूप में दर्ज हो सकता है।

वैश्विक तापमान में खतरनाक बढ़ोतरी

जनवरी से अप्रैल 2025 के बीच वैश्विक सतह का औसत तापमान 20वीं सदी के औसत से 1.28 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा। यह आंकड़ा NOAA के 176 साल पुराने रिकॉर्ड में दूसरा सबसे गर्म तापमान है। तुलना करें तो 2024 की शुरुआत में यह अंतर 1.34 डिग्री सेल्सियस तक था। इस अवधि में खासकर आर्कटिक महासागर, एशिया, उत्तरी कनाडा और यूरोप जैसे इलाकों में तापमान सामान्य से 2.5 डिग्री तक अधिक दर्ज किया गया।

बर्फ के क्षेत्र में भारी गिरावट

ग्लोबल वार्मिंग का प्रभाव केवल तापमान तक ही सीमित नहीं रहा। रिपोर्ट के अनुसार, उत्तरी गोलार्ध में बर्फ का आवरण सामान्य से 8.2 लाख वर्ग मील कम रहा, जो लगातार दूसरा साल है जब अप्रैल में सबसे कम बर्फ का विस्तार देखा गया।

  • समुद्री बर्फ का फैलाव भी औसत से 4.8 लाख वर्ग मील कम था।

  • उत्तर अमेरिका और ग्रीनलैंड में बर्फ का आवरण 1.2 लाख वर्ग मील कम रहा।

  • यूरेशिया में यह अंतर 7.1 लाख वर्ग मील तक पहुंच गया।

इस गिरावट का सबसे बड़ा प्रभाव अमेरिका और सेंट्रल एशिया में देखा गया, जहां बर्फ की कमी से जल स्रोतों और पारिस्थितिकी तंत्र पर दबाव बढ़ रहा है।

कृषि को नहीं पहुंचा नुकसान, उल्टा हो सकता है लाभ

जहां एक ओर बढ़ते तापमान और घटती बर्फ चिंता का विषय हैं, वहीं दूसरी ओर हाल की बारिश किसानों के लिए राहत लेकर आई है। भारत के कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि हालिया बारिश ने ग्रीष्मकालीन फसलों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है। मूंग, मक्का और धान जैसी फसलों के उत्पादन में बढ़ोतरी की संभावना है।उन्होंने कहा, "गर्मी के बाद वर्षा और ओलावृष्टि जैसी घटनाएं सामान्य हैं, लेकिन जलवायु परिवर्तन इन्हें अधिक अप्रत्याशित और गंभीर बना सकता है।" हालांकि, जायद फसलों के लिए यह बारिश फायदेमंद मानी जा रही है।

खरीफ सत्र की तैयारी जारी

खरीफ सत्र को लेकर चतुर्वेदी ने कहा कि जुलाई से शुरू होने वाली धान की बुवाई की तैयारियां अच्छी चल रही हैं। साथ ही, 2024-25 के लिए तीसरा अनाज उत्पादन अनुमान अगले कुछ दिनों में जारी होने की संभावना है, जिसमें कुछ फसलों में मामूली वृद्धि का अनुमान है। हालांकि, उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ हिस्सों में ओलावृष्टि से आम और लीची जैसे फलों को नुकसान पहुंचने की आशंका जताई गई है। केंद्र सरकार ने राज्यों से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है।

2025 की गर्मी ने तोड़े रिकॉर्ड, बर्फ घटने से बढ़ी चिंता

साल 2025 का अब तक के सबसे गर्म वर्षों में शामिल होना तय माना जा रहा है। लगातार बढ़ते तापमान, बर्फ की कमी और मौसम में आ रही तेजी से बदलाव यह साफ संकेत दे रहे हैं कि जलवायु परिवर्तन अब चेतावनी नहीं, बल्कि एक सच्चाई बन चुका है। वहीं, कृषि क्षेत्र को अनुकूल मौसमी परिस्थितियों का कुछ हद तक लाभ मिलता दिख रहा है।

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