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इस वायरस के कहर से क्रैश हुआ शेयर मार्केट, सेंसेक्स-निफ्टी में आई भारी गिरावट

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कारोबारी देश के शेयर मार्केट में सोमवार (6 दिसंबर) को ब्रेक देखने को मिला। इस की वजह ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी वायरस) को बताया जा रहा है। यह वायरस चीन में काफी तेजी से फैल रहा है और अब इसकी एंट्री भारत में भी हो गई है। बेंगलुरु में 8 महीने के बच्चे को एचएमपीवी वायरस से संक्रमित पाया गया है। कर्नाटक में ही इस वायरस का दूसरा मामला सामने आया है।

एचएमपीवी वायरस क्या है?

एचएमपीवी वायरस केवल सांस संबंधी वायरस है। इसके लक्षण सर्दी जैसे हैं, लेकिन यह उससे अधिक घातक है। इससे बच्चों और बुजर्गों को ज्यादा खतरा है क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा कमजोर होती है। इससे संस संबंधी पुरानी बीमारियां गंभीर रूप ले सकती हैं। हालांकि, अभी हेल्थ क्सपर्ट दावा रहे हैं कि एचएमपीवी वायरस कोविड-19 की तरह जानलेवा या घातक नहीं है। बस कुछ व्यक्तियों में यह फेफड़ों के संक्रमण का कारण बन सकता है।

कैसे HMPV Virus के कारण क्रैश हुआ शेयर बाजार?

क्षेत्रों का मानना है कि HMPV Virus ने निवेशकों की चिंता जरूर बढ़ाई है, क्योंकि निवेशकों को कोरोना काल याद आ गया है। आने वाले कुछ दिनों में शेयर मार्केट की चाल HMPV Virus से जरूर प्रभावित होगी। आज सेंसेक्स की टॉप-30 में सिर्फ 5 कंपनियां हरे निशान में हैं।

टाटा स्टील और कोटक महिंद्रा में बहुती गिरावट

टाटा स्टील और कोटक महिंद्रा में तीन-तीन फीसदी से अधिक गिरावट आई है। निफ्टी 50 भी करीब डेक्स फीसदी की गिरावट के साथ ट्रेड कर रहा है। आज मिड कैप और स्मॉल कैप के अधिकतर शेयरों में 4 से 5 फीसदी का करेक्शन देखने को मिल रहा है।

मिड कैप और स्मॉल कैप शेयरों पर भी असर-

मिड कैप और स्मॉल कैप के अधिकतर शेयरों में 4 से 5 फीसदी की गिरावट देखी गई है। निवेशक आने वाले दिनों में HMPV वायरस के प्रभाव से बाजार की दिशा को लेकर चिंतित हैं।

तीसरी तिमाही के नतीजों की चिंता-

वित्त वर्ष 2024-25 की पहली दो तिमाहियों में कंपनियों के खराब वित्तीय नतीजों ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है। अब तीसरी तिमाही के नतीजे इसी हफ्ते से आने शुरू होंगे। अगर ये नतीजे भी खराब रहे, तो बिकवाली और तेज हो सकती है।

अन्य चुनौतियां: क्रूड ऑयल और रुपये की कमजोरी-

इसके अलावा, क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतें और डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी ने भी निवेशकों की चिंता बढ़ाई है। इन सभी कारणों से शेयर बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है, जिससे निवेशक सतर्क हो गए हैं।

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