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भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण हालात के बीच सोने की कीमतों में अचानक आई गिरावट ने सर्राफा बाजार और निवेशकों को चौंका दिया है। आमतौर पर जंग के माहौल में सोने की कीमतें बढ़ती हैं, लेकिन इस बार विपरीत स्थिति देखने को मिली। 6 दिनों में सोना ₹4,350 तक सस्ता हो गया। अब बड़ा सवाल ये है कि क्या यह खरीदारी का सही वक्त है या और गिरावट बाकी है?
क्या रहा कीमतों का ट्रेंड?
इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के आंकड़ों के अनुसार, 1 जनवरी 2025 को 24 कैरेट सोने की कीमत 76,162 रुपए प्रति 10 ग्राम थी। भारत-पाक तनाव के चलते अप्रैल में इसमें जबरदस्त उछाल देखा गया और 22 अप्रैल को सोना ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम के स्तर को छू गया। 6 मई को ऑपरेशन सिंदूर से ठीक पहले सोने की कीमत ₹96,888 थी। लेकिन जैसे ही 6-7 मई की रात भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर मिसाइल स्ट्राइक की, कीमतें गिरने लगीं। 12 मई तक सोना ₹93,076 पर आ गया। 13 मई को हल्की रिकवरी देखने को मिली और दाम ₹94,344 पहुंच गए, लेकिन फिर भी 6 दिन में कुल गिरावट ₹4,350 रही।
जंग के बावजूद क्यों गिरे दाम?
आमतौर पर युद्ध जैसे हालातों में सोने को "सेफ हेवन" माना जाता है और उसकी मांग बढ़ जाती है, जिससे दाम भी बढ़ते हैं। लेकिन इस बार तीन ग्लोबल फैक्टर्स ने स्थिति पलट दी:
1. अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर में नरमी
अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ को लेकर चल रही तनातनी में 10 मई को समझौता हुआ। दोनों देशों ने एक-दूसरे पर लगे टैक्स में 115% तक की कटौती की, जिससे निवेशकों का रुझान सोने से हटकर डॉलर और इक्विटी की ओर बढ़ गया।
2. डॉलर में मजबूती
इस समझौते के बाद डॉलर इंडेक्स 1% उछलकर 101.5 पर पहुंच गया। डॉलर की मजबूती का सीधा असर सोने की कीमतों पर पड़ता है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय व्यापार डॉलर में होता है
3. रूस-यूक्रेन वार्ता की पहल
11 मई को रूस ने यूक्रेन के साथ सीधी बातचीत का प्रस्ताव रखा, जिससे वैश्विक तनाव में कुछ राहत मिली और सोने की सुरक्षित निवेश वाली छवि कमजोर हुई।
आमतौर पर जंग में क्यों बढ़ते हैं दाम?
बिजनेस एक्सपर्ट अजय केडिया के अनुसार, सामान्यतः युद्ध की स्थिति में ये तीन फैक्टर्स सोने की कीमतों को बढ़ाते हैं:
क्या अभी सोना खरीदना फायदेमंद है?
विशेषज्ञों की राय में अगर आप ज्वेलरी या सेविंग के लिए खरीद रहे हैं तो यह सही समय हो सकता है, लेकिन निवेश के लिहाज से इंतजार बेहतर रहेगा।
HDFC सिक्योरिटीज के कमोडिटी हेड कहते हैं,
“इस समय सोने की कीमतों में जबरदस्त उतार-चढ़ाव है। जब तक स्थिरता नहीं आती, निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है।”
RSI संकेत देता है गिरावट का रुझान
फिलहाल RSI इंडेक्स 55 पर है। जब यह इंडेक्स ऊपर जाता है, तो सोना ‘ओवरबॉट’ हो जाता है, जिससे कीमत गिरने लगती है। इसी के आधार पर अगली गिरावट की आशंका जताई जा रही है।
चांदी का क्या हाल है?
2025 की शुरुआत में चांदी ₹86,017 प्रति किलो थी, जो 13 मई को बढ़कर ₹96,350 हो गई। यानी अब तक 12% की तेजी। विशेषज्ञ मानते हैं कि 2025 के अंत तक चांदी ₹1.30 लाख प्रति किलो तक जा सकती है। गोल्ड-सिल्वर रेश्यो फिलहाल 97.5 है, जो दर्शाता है कि चांदी की कीमतों में अभी और तेजी आ सकती है।
क्या सोना खरीदें या नहीं?
उद्देश्य | सलाह |
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ज्वेलरी/सेविंग | अभी खरीद सकते हैं |
शॉर्ट टर्म निवेश | इंतजार करें |
लॉन्ग टर्म निवेश | बाजार की स्थिरता देखें, फिर प्लान करें |
Baten UP Ki Desk
Published : 14 May, 2025, 1:35 pm
Author Info : Baten UP Ki