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यूपी में जल्द लागू होगी नई संस्कृति नीति

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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश को विश्व में सांस्कृतिक केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए नई संस्कृति नीति तैयार करा रही है। सरकार प्रदेश के आर्थिक विकास ने लिए 25 नीतियां लाने के बाद अब 26 वीं नीति लाने की तैयारी कर रही है। योगी के निर्देश पर यूपी संस्कृति नीति तैयार की जा रही है। सरकार का विचार है कि उत्तर प्रदेश की अद्वितीय सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित संवर्धित  एवं लोकप्रिय बनाते हुए उसे दुनिया के सामने बेहतरीन तरीके से प्रस्तुत किया जाए ताकि प्रदेश की पहचान के साथ ही रोजगार के अवसर भी उपलब्ध हो सकें। 

नई संस्कृति नीति में क्या होगा- संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेंश्राम के मुताबिक प्रदेश की संस्कृति नीति को तैयार करने के लिए एक हफ्ते में सुझाव मांगा गया है। इसके लिए सभी अकादमियों को निर्देश दिया गया है। जिसके आधार पर प्रदेश की कारगर संस्कृति नीति तैयार की जाएगी। सरकार की इच्छा है कि यूपी की कलाओं और संस्कृति के सभी पहलुओं के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए व्यक्तिगत, समूह संस्थाओं, गैर सरकारी संगठनों और व्यवसायिक घरानों को भी प्रोत्साहित किया जाए। इसमें प्रदेश की मूर्त, अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के साथ ही प्रदेश के सांस्कृतिक मानचित्र को भी प्रदर्शित किया जाए। 

विभिन्न पौराणिक एवं पुरातात्विक स्थल सूची में होंगे शामिल- उत्तर प्रदेश की आने वाली नई संस्कृति नीति में प्रदेश के विभिन्न स्थलों के पौराणिक एवं पुरातात्विक महत्व को राज्य की संरक्षित सूची में शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही संग्रहालय में रखे गए नए संग्रह जिनमें कला-कृतियां, मूर्तियां, सिक्के, पेंटिंग्स, वस्त्रों आभूषणों आदि का आधुनिक तरीके मैनेजमेंट किया जाएगा। इसके साथ ही दृश्यकला एवं ललित कला के विभिन्न रूपों के भी संरक्षण को इसमें शामिल किया जाएगा। इस नीति में गुरू-शिष्य परंपरा के भी प्रोत्साहन पर जोर दिया जाएगा। इस नई संस्कृति नीति में जनपद, प्रखंड और पंचायत स्तर पर सांस्कृतिक केंन्द्रों की स्थापना की जाएगी।

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