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न पेपर लीक, न स्कूल के चक्कर...अब यूपी बोर्ड हुआ हाईटेक!

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कभी नकल, अव्यवस्था और देरी के लिए बदनाम रहा उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अब एक नई पहचान की ओर बढ़ रहा है। साल 2025 की बोर्ड परीक्षाओं ने यूपी बोर्ड के इतिहास में एक क्रांतिकारी बदलाव की पटकथा लिखी है — वो भी तकनीक की कलम से।

बदला सिस्टम, बदली साख

एक समय था जब यूपी बोर्ड का नाम सुनते ही 'पेपर लीक', 'फर्जी छात्र', और 'स्कूल के चक्कर' जैसी छवियां उभरती थीं। लेकिन 2025 की परीक्षा प्रक्रिया ने इन सभी धारणाओं को चुनौती दी है। अब हर प्रश्नपत्र पर खास कोडिंग होती है, जिससे पेपर लीक की स्थिति में मिनटों में पता चल जाता है कि लीक कहां से हुआ।

CCTV, STF और डिजिटल निगरानी

हर परीक्षा केंद्र पर CCTV कैमरे और वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य कर दी गई है। यदि कहीं गड़बड़ी होती है तो स्पेशल टास्क फोर्स (STF) तुरंत कार्रवाई में जुट जाती है। इस बार नकल के सिर्फ 115 मामले दर्ज हुए, जो पिछले वर्षों के मुकाबले बेहद कम हैं।

12 दिन में परीक्षा, 43 दिन में रिजल्ट

जहां पहले परीक्षाएं महीनों तक चलती थीं, इस बार की बोर्ड परीक्षा केवल 12 कार्य दिवसों में पूरी हुई। और रिजल्ट भी महज 43 दिन में घोषित कर दिया गया। इससे लाखों छात्रों और उनके परिवारों को बड़ी राहत मिली।

डिजिलॉकर ने खत्म किया स्कूल का चक्कर

अब छात्रों को मार्कशीट लेने के लिए स्कूल नहीं जाना पड़ता। रिजल्ट वाले दिन ही डिजिलॉकर के ज़रिए डिजिटल मार्कशीट मोबाइल पर मिल जाती है। इस बार करीब 42 लाख छात्र-छात्राओं ने इसका लाभ उठाया।

नई मार्कशीट, नई पहचान

अब मार्कशीट A4 साइज में आती है, जिसमें फ्लोरोसेंट लोगो और मोनोग्राम होता है। फोटोकॉपी करने पर "COPY" लिखा आता है, जिससे नकली मार्कशीट की पहचान आसानी से हो सके।

ऑनलाइन नियुक्ति और जिओ-फेंसिंग से पारदर्शिता

परीक्षा केंद्रों पर अब परीक्षकों की नियुक्ति ऑनलाइन होती है। कोई अनुपस्थित हो तो वेटिंग लिस्ट से तुरंत दूसरा शिक्षक भेजा जाता है। वहीं प्रैक्टिकल परीक्षा में जिओ-लोकेशन ऐप से यह सुनिश्चित किया जाता है कि परीक्षक प्रयोगशाला में मौजूद हैं या नहीं।

नया पोर्टल: एक क्लिक पर सब कुछ

अब एक नया पोर्टल विकसित किया जा रहा है, जिसमें हर स्कूल का टाइम टेबल, पाठ्यक्रम और छात्रों की उपस्थिति का रिकॉर्ड ऑनलाइन उपलब्ध रहेगा। इससे फर्जी छात्रों पर भी लगाम लगेगी।

2017 से शुरू हुई थी बदलाव की नींव

इस बदलाव की नींव 2017 में रखी गई थी, जब बोर्ड ने CCTV, कोडिंग और नकल पर नियंत्रण के लिए सख्त नीतियाँ लागू की थीं। 2025 में उसी विजन का परिणाम दिखा — यूपी बोर्ड अब दुनिया की सबसे बड़ी और पारदर्शी परीक्षा प्रणाली बनने की ओर है।

अब UP बोर्ड का मतलब पारदर्शिता और तकनीक

UP बोर्ड की यह परिवर्तनशील यात्रा एक प्रेरणा है कि अगर नीयत साफ हो और तकनीक का सही इस्तेमाल किया जाए, तो वर्षों से चली आ रही किसी भी व्यवस्था को सुधारा जा सकता है।

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