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ज्ञानवापी में पूजा-अर्चना मामले में कोर्ट में सुनवाई, ASI सर्वे का आज नवां दिन

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ज्ञानवापी परिसर के ASI सर्वे का आज नवां दिन है। बीते 8 दिनों से भारतीय पुरात्तव विभाग यानी ASI की टीम का वैज्ञानिक तरीके से सर्वे जारी है। जिसके तहत ज्ञानवापी की पश्चिमी दीवार से लेकर तहखानों, गुंबद और छत की ढलाई की बारीकी से जांच की जा रही है। इस बीच ज्ञानवापी में पूजन की मांग को लेकर अदालत में लंबित एक मुकदमे में आज यानी 11 अगस्त को सुनवाई होगी। इससे पहले अदालत ने मुकदमे में आम लोगों को भी पक्षकार बनने प्रार्थना पत्र देने और अपनी आपत्ति दर्ज करने का मौका दिया है। अगर कोई इस मामले में पक्षकार बनना चाहता है तो वो अपना पक्ष रख सकता है।

डुगडुगी बजाकर लोगों को दी गई जानकारी-

ज्ञानवापी में पूजन की मांग को लेकर सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की ओर से मुस्लिम व हिन्दू पक्ष दोनों की तरफ से आम लोगों को भी इसमें पक्षकार बनने का मौका दिया गया है। आम लोगों को इसके बारे में जानकारी देने के लिए चौक इलाके में डुगडुगी बजाकर लोगों को इसकी जानकारी दी गई है। इसमें कहा गया है कि अगर कोई भी इस मुकदमें में पक्षकार बनना चाहता है। या फिर अपनी कोई आपत्ति दाखिल करना चाहता है तो वो 11 अगस्त को सुबह साढ़े 10 बजे तक व्यक्तिगत अथवा अपने वकील के जरिए बात रख सकता है

जानें क्या है पूरा मामला-

आपको बता दें कि ज्ञानवापी में पूजन को लेकर संजय कुमार रस्तोगी, नवीन कुमार, अमित कुमार सिंह और अखंड प्रताप सिंह ने सिविल जज की अदालत में एक वाद दायर किया है। याचिकाकर्ता ने मांग की है कि ज्ञानवापी परिसर जो लोहे की बैरिकेडिंग से घिरा हुआ है उसमें स्थित मां श्रृंगार गौरी, आदि विश्वेश्वर सहित सभी देवी  देवताओं को नियमित पूजा व दर्शन हो सके और प्रतिवादी  इसमें कोई अवरोध न उत्पन्न न करें।  यहां पर हिन्दुओं को बिना किसी रोक-टोक के आने-जाने दिया जाए। यहां पर जो हिन्दू धर्म के प्रतीक चिन्ह जैसे त्रिशूल, कमल का फूल और घंटी हैं उन्हे नष्ट न किया जाए। जिसके बाद कोर्ट ने आम लोगों को इसमें पक्षकार बनने का मौका दिया है। इस मामले में आज सुनवाई होनी है। इसमें अंजुमन इंतजामिया कमेटी और काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को प्रतिवादी बनाया गया है।

 

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