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प्रधानमंत्री मोदी ने तेजस फाइटर जेट में भरी उड़ान, कहा-स्वदेशी क्षमताओं पर भरोसा और बढ़ा

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बेंगलुरु में तेजस फाइटर प्लेन उड़ाया। पीएम मोदी बेंगलुरु के येलहंका एयरबेस पहुंचे थे जहां उन्होंने स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस में उड़ान भरी। उड़ान भरने के बाद पीएम ने कहा- तेजस में सफलतापूर्वक सॉर्टी की। ये गजब का अनुभव रहा। इस उड़ान से मेरे अंदर देश की स्वदेशी क्षमताओं पर भरोसा और बढ़ गया है। साथ ही हमारी राष्ट्रीय क्षमता के बारे में मुझे एक नए गर्व और आशा का एहसास हुआ है।आपको बता दें कि तेजस को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड यानी HAL ने डेवलप किया है। यह सिंगल इंजन वाला हल्का लड़ाकू विमान है। वायुसेना में इसकी दो स्क्वॉ़ड्रन शामिल हो चुकी हैं।

पीएम नरेंद्र मोदी भारत के रक्षा क्षेत्र को मजबूत करने और स्वदेशी उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए बेंगलुरु स्थित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के दौरे पर हैं। पीएम मोदी एचएएल की स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस-मार्क 2 की विनिर्माण सुविधा का निरीक्षण भी करेंगे। बता दे कि रक्षा क्षेत्र में भारत ने बड़ी सफलता हासिल की है। अब स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस-मार्क 2 का इंजन भारत ही में बनेगा। इन इंजनों में हीट से बचने के लिए स्पेशल थर्मल कोटिंग का उपयोग किया जाएगा। जिससे यह तकनीक इन इंजनों को अधिक शक्तिशाली और टिकाऊ बनाएगी।

HAL और EC बनाएगी विमान इंजन-

भारत की एचएएल एवं अमेरिका की जीई भारत में संयुक्त रूप से इन इंजनों निर्माण करेंगे। तेजस-मार्क 2 एक बहुमुखी लड़ाकू विमान है जो भारत की वायु सेना को आधुनिक और शक्तिशाली बनाने में मदद करेगा। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, हाल ही में 12 Su-30MKI लड़ाकू विमानों को खरीदने के लिए एचएएल को एक टेंडर जारी किया गया है। इन विमानों का निर्माण एचएएल द्वारा रूस के उपकरण निर्माताओं के साथ संयुक्त रूप से भारत में किया जाएगा।

30 अगस्त को मिली थी मंजूरी-

सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी के अगले महीने तक परियोजना के विवरण के साथ निविदा का जवाब देने की उम्मीद है। डॉ. समीर वी ने कहा कि एलसीए-मार्क 2 के इंजन और स्वदेशी एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट के पहले दो स्क्वाड्रन का उत्पादन अमेरिकी जीई और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा देश में घरेलू स्तर पर किया जाएगा। एचएएल और जीई भारत में संयुक्त रूप से इन इंजनों का उत्पादन करेंगे। दरअसल, 30 अगस्त को सुरक्षा पर कैबिनेट समिति ने एलसीए मार्क 2 लड़ाकू विमान के डिवेलपमेंट को लेकर मंजूरी दी, जो भारतीय वायुसेना में मिराज 2000, जगुआर और मिग -29 लड़ाकू विमानों की जगह लेंगे।

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