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इस्राइल-ईरान की जंग में भारत क्यों हो रहा है बेचैन? जानिए पश्चिम एशिया की जंग का Indian कनेक्शन

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पश्चिम एशिया में इस्राइल और ईरान के बीच चल रहा सैन्य संघर्ष पांचवे दिन में प्रवेश कर चुका है। दोनों देशों के बीच बढ़ती हिंसा के चलते अब यह क्षेत्र वैश्विक चिंता का केंद्र बन चुका है। भारत ने स्थिति पर बारीकी से नजर रखी है और तेहरान में रह रहे भारतीय नागरिकों को सतर्क करते हुए सुरक्षित स्थान पर रहने की सलाह दी है। इस बीच भारत के विदेश मंत्रालय ने 110 भारतीय छात्रों को ईरान से निकालकर आर्मेनिया पहुंचाने में सफलता हासिल की है, जिन्हें अब विशेष उड़ानों से भारत लाया जाएगा।

तेल की कीमतों में उबाल, होर्मुज का खतरा

संघर्ष का सबसे गंभीर असर तेल के बाजार पर पड़ रहा है। यदि ईरान ने होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद किया, तो इससे वैश्विक पेट्रोलियम आपूर्ति को बड़ा झटका लग सकता है। दुनिया के कुल तेल का 21% इसी मार्ग से होकर गुजरता है। भारत, चीन और जापान जैसे देश इस आपूर्ति पर काफी हद तक निर्भर हैं। इसके साथ ही कच्चे तेल की कीमतों में तेजी देखी जा रही है, जो भारत जैसे आयातक देशों के लिए आर्थिक झटका हो सकता है।

लाल सागर और व्यापार पर संकट

युद्ध के विस्तार से भारत का समुद्री व्यापार भी प्रभावित हो रहा है। यूरोप और अमेरिका के साथ भारत का लगभग 80% व्यापार लाल सागर और होर्मुज के रास्ते से होता है। इस क्षेत्र में अस्थिरता से कंटेनर ट्रैफिक धीमा हो सकता है, जिससे निर्यातकों को समय और लागत दोनों में नुकसान उठाना पड़ सकता है। ऐसे में भारत सरकार निर्यातकों के साथ अहम बैठक करने जा रही है।

विमानन पर भी असर, रूट बदले

युद्ध के चलते इस्राइल और ईरान दोनों ने अपने एयरस्पेस बंद कर दिए हैं। इसका असर भारत की अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर भी पड़ा है। अब नई दिल्ली से लंदन की फ्लाइट्स को तुर्कमेनिस्तान या सऊदी अरब के रास्ते जाना पड़ रहा है, जिससे यात्रा समय 45-90 मिनट तक बढ़ गया है। इससे एयरलाइनों की लागत और किराए दोनों में इजाफा हो सकता है।

राजनीतिक पहल और अंतरराष्ट्रीय चिंता

जी-7 सम्मेलन के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस मुद्दे को लेकर अचानक स्वदेश लौट गए। उन्होंने सम्मेलन से पहले संघर्षविराम की अपील पर हस्ताक्षर जरूर किए, लेकिन लौटने का कारण “इससे भी बड़ी चिंता” बताया है। उधर, ईरान ने दावा किया है कि उसने तेहरान में मोसाद के दो एजेंट्स को पकड़ा है जो ड्रोन फैक्टरी चला रहे थे।

भारत के लिए चुनौतीपूर्ण समय

पश्चिम एशिया भारत के लिए ऊर्जा, व्यापार और कूटनीति—तीनों ही दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण क्षेत्र है। इस्राइल और ईरान दोनों के साथ भारत के रणनीतिक रिश्ते हैं। ऐसे में युद्ध की स्थिति भारत को संतुलित कूटनीति के साथ सक्रिय मानवीय हस्तक्षेप की ओर बढ़ने के लिए मजबूर कर रही है।

भारतीय दूतावास की हेल्पलाइन

भारत सरकार ने तेहरान में रह रहे सभी भारतीयों से अपील की है कि वे स्थानीय दूतावास से संपर्क में रहें। किसी भी आपात स्थिति में दूतावास की ओर से जारी हेल्पलाइन नंबर पर तुरंत सहायता मांगी जा सकती है।

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