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टेस्ला ने इंडिया में शोरूम किया ओपन! लेकिन कहां हैं सर्विस सेंटर?

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दुनिया की सबसे चर्चित इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला ने आखिरकार भारत में अपनी एंट्री कर दी है। कंपनी ने मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) में अपना पहला शोरूम खोला है, जो एक एक्सपीरियंस सेंटर के रूप में भी काम करेगा। इसके साथ ही कंपनी ने देश की आर्थिक राजधानी मुंबई और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 8 सुपरचार्जिंग स्टेशन लगाने की घोषणा कर दी है। खास बात ये है कि इन स्टेशनों पर एक बार में 252 इलेक्ट्रिक गाड़ियां चार्ज हो सकेंगी।

मॉडल Y से भारत में एंट्री

टेस्ला ने भारतीय बाजार के लिए अपनी सबसे पॉपुलर कॉम्पैक्ट SUV मॉडल Y लॉन्च की है, जिसकी एक्स-शोरूम कीमत ₹60 लाख से शुरू होती है। कंपनी ने BKC शोरूम के करीब ही एक सर्विस सेंटर और गोडाउन भी स्थापित किया है, जिससे ग्राहकों को बिक्री के बाद सर्विस सपोर्ट मिल सके।

क्यों भारत आया टेस्ला?

विशेषज्ञों के मुताबिक, टेस्ला की ग्लोबल बिक्री में गिरावट आई है, खासकर अमेरिका, यूरोप और चीन जैसे बड़े बाजारों में। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटो बाजार है और यहां EV सेगमेंट अभी भी 5% के आस-पास है, यानी संभावनाएं अपार हैं। साथ ही, भारत सरकार की नई EV नीति के तहत अगर कोई विदेशी कंपनी ₹4,150 करोड़ का निवेश करती है तो उस पर इंपोर्ट ड्यूटी 100% से घटकर 15% तक हो सकती है – यह टेस्ला के लिए बड़ा आकर्षण है।

चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की बड़ी योजना

टेस्ला शुरुआत में दिल्ली और मुंबई में सुपरचार्जिंग नेटवर्क तैयार कर रही है। इससे ग्राहकों को तेज चार्जिंग की सुविधा मिलेगी, हालांकि छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में चार्जिंग नेटवर्क की कमी अब भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।

टेस्ला के सामने 5 बड़ी चुनौतियां

  1. उच्च इम्पोर्ट ड्यूटी: भारत में फिलहाल टेस्ला CBU (Completely Built Unit) के रूप में गाड़ियां ला रही है, जिससे कीमतें काफी ऊंची हैं।

  2. चार्जिंग नेटवर्क की कमी: मेट्रो शहरों से बाहर चार्जिंग सुविधा सीमित है।

  3. कस्टमर बिहेवियर: भारतीय ग्राहक सर्विस और रीसेल वैल्यू को अहम मानते हैं।

  4. सीमित सर्विस नेटवर्क: टेस्ला का डायरेक्ट-टू-कंज़्यूमर मॉडल भारत में नया है।

  5. स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग की देरी: टेस्ला की गीगाफैक्ट्री 2026 से पहले शुरू होने की उम्मीद नहीं।

किससे होगा मुकाबला?

टेस्ला को भारत में कई कंपनियों से मुकाबला करना होगा:

  • टाटा मोटर्स: Nexon EV के साथ बाजार में 60% से ज्यादा हिस्सेदारी।

  • महिंद्रा एंड महिंद्रा: BE6, XUV.e9 जैसे मॉडल तैयार।

  • BYD: ATTO 3, Seal जैसी कारें।

  • MG मोटर्स: विंडसर और साइबस्टर जैसी प्रीमियम EVs।

  • हुंडई: Ioniq 5 और Creta EV के जरिए मुकाबला।

  • BMW, मर्सिडीज, ऑडी: लग्जरी EV सेगमेंट में सीधी टक्कर।

क्या बदलेगा भारत का EV बाजार?

टेस्ला की एंट्री से भारत के प्रीमियम EV सेगमेंट में हलचल तेज हो गई है। कंपनी की ब्रांड वैल्यू, एडवांस टेक्नोलॉजी और सुपरचार्जिंग नेटवर्क इसे प्रतिस्पर्धा से अलग बनाते हैं। हालांकि कीमत, सर्विस और नेटवर्क जैसे मामलों में स्थानीय कंपनियां अब भी मजबूत स्थिति में हैं। टेस्ला की इस एंट्री को भारत के EV सेक्टर में "गेम चेंजर" माना जा रहा है। अगर कंपनी भविष्य में भारत में निर्माण शुरू करती है, तो इसकी कीमतें कम हो सकती हैं और बाजार में इसकी पकड़ और भी मजबूत हो सकती है।

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