उत्तराखंड सरकार अब राज्य को उत्तर भारत का नया आईटी हब बनाने की दिशा में तेजी से कदम उठा रही है। इसके तहत जल्द ही नई आईटी इंडस्ट्री पॉलिसी लागू की जाएगी, जिसमें कंपनियों को दिए जाने वाले लाभ और रियायतों को उनके द्वारा राज्य के युवाओं को दिए गए रोजगार से जोड़ा जाएगा।
सरल प्रक्रियाएं और निवेश के लिए आकर्षक प्रस्ताव
नई नीति के तहत राज्य सरकार आईटी से जुड़ी कंपनियों के लिए प्रक्रियाओं को सरल बनाएगी और निवेश करने पर उदार सब्सिडी प्रदान करेगी। इस पहल की पुष्टि करते हुए सेतु आयोग के उपाध्यक्ष राजशेखर जोशी ने बताया कि नीति का मसौदा तैयार कर लिया गया है और आने वाले डेढ़ महीने में इसे कैबिनेट के समक्ष पेश किया जाएगा।
राज्य सरकार का उद्देश्य है कि बड़े आईटी समूहों को आकर्षक प्रावधानों के माध्यम से उत्तराखंड में निवेश के लिए प्रेरित किया जाए। नीति का मुख्य आधार यह होगा कि जो कंपनियां स्थानीय युवाओं को अधिक रोजगार देंगी, उन्हें सरकार की ओर से उतना ही अधिक लाभ मिलेगा।
आईटी सेक्टर के लिए उपयुक्त माहौल
उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों का शुद्ध पर्यावरण, शांत माहौल और डिजिटल कनेक्टिविटी आईटी सेक्टर के लिए बेहद अनुकूल हैं। भारी उद्योगों के लिए जहां भौगोलिक बाधाएं हैं, वहीं आईटी इंडस्ट्री यहां बिना बड़े ढांचागत बदलाव के पनप सकती है।
500 करोड़ का टर्नओवर, अब बड़े निवेश की तैयारी
वर्तमान में राज्य में लगभग 100 छोटी और मझोली आईटी कंपनियां काम कर रही हैं जिनका सालाना टर्नओवर करीब 500 करोड़ रुपये है। हालांकि, अभी तक कोई बड़ा ग्रुप राज्य में नहीं आया है। सरकार का मानना है कि एक बार कोई बड़ा कॉर्पोरेट समूह निवेश करता है तो उसके साथ अन्य कंपनियों और स्टार्टअप्स का भी आना तय है।
उत्तर भारत में बनेगा नया टेक हब
नई आईटी पॉलिसी से उत्तराखंड न सिर्फ स्थानीय युवाओं को रोजगार देने में सफल होगा, बल्कि यह राज्य आने वाले वर्षों में उत्तर भारत का प्रमुख टेक्नोलॉजी हब बनकर भी उभरेगा।