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रिश्तों में तल्खी के बावजूद भारत को मिला G-7 का इनविटेशन! क्या बदलेगा समीकरण?

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भारत और कनाडा के रिश्तों में हाल के महीनों में आई तल्खी के बीच एक अहम कूटनीतिक घटनाक्रम सामने आया है। कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर आगामी G-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए औपचारिक आमंत्रण दिया है।

भारत-कनाडा संबंधों में नई गर्माहट

इसके साथ ही दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने को लेकर भी बातचीत हुई। पीएम मोदी ने इस बातचीत की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) के जरिए साझा की। उन्होंने साथ ही कनाडा के नव-निर्वाचित प्रधानमंत्री को चुनाव में जीत की बधाई भी दी।

पीएम मोदी ने क्या कहा?

प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया—“कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी से फोन पर बात करके खुशी हुई। उन्हें हाल ही में हुए चुनाव में उनकी जीत पर बधाई दी। इस महीने के अंत में कनानसकीस में होने वाले G-7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित करने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।”उन्होंने आगे लिखा—“गहरे जन-जन संबंधों से जुड़े जीवंत लोकतंत्रों के रूप में, भारत और कनाडा आपसी सम्मान और साझा हितों के मार्गदर्शन में नए जोश के साथ मिलकर काम करेंगे। शिखर सम्मेलन में हमारी मुलाकात का बेसब्री से इंतजार है।”

रिश्तों में तल्खी के बावजूद आया न्योता

गौरतलब है कि हाल के महीनों में भारत-कनाडा के संबंधों में खटास देखी गई थी। ऐसे में कई विश्लेषक अनुमान लगा रहे थे कि इस बार भारत को G-7 समिट में शामिल होने का निमंत्रण नहीं मिलेगा। यदि ऐसा होता, तो 2019 के बाद यह पहला मौका होता जब प्रधानमंत्री मोदी इस शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेते। कुछ समय पहले तक कनाडा की ओर से भी भारत को निमंत्रण भेजे जाने को लेकर कोई स्पष्ट रुख सामने नहीं आया था।

क्या हैं कूटनीतिक संकेत?

कनाडा के इस निमंत्रण को दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण माहौल में सकारात्मक संकेत के तौर पर देखा जा रहा है। साथ ही यह भी माना जा रहा है कि G-7 समिट के मौके पर दोनों देशों के नेता आपसी मुद्दों को सुलझाने की दिशा में नई पहल कर सकते हैं।

सम्मेलन की जानकारी

इस वर्ष का G-7 शिखर सम्मेलन कनाडा के कनानसकीस में होने जा रहा है। भारत बीते वर्षों में G-7 के कई सम्मेलनों में बतौर आमंत्रित अतिथि शामिल रहा है और इस बार भी प्रधानमंत्री मोदी के भाग लेने से भारत की वैश्विक मंच पर सक्रिय भूमिका एक बार फिर दिखाई देगी।

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