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अब सरकार की मर्ज़ी से चलेगा AC! उपभोक्ताओं पर क्या पड़ेगा असर?

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भारत सरकार जल्द ही एयर कंडीशनर (AC) के उपयोग को लेकर बड़ा कदम उठा सकती है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने संकेत दिया है कि आने वाले समय में देश में बेचे जाने वाले सभी एयर कंडीशनरों की तापमान सीमा को 20°C से 28°C के बीच ही सीमित कर दिया जाएगा। यानी उपभोक्ता चाहें भी तो AC का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे सेट नहीं कर पाएंगे।

कम तापमान पर रोक, ज्यादा बिजली बचत का लक्ष्य

इस प्रस्ताव का उद्देश्य देश में बिजली की खपत को घटाना और ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देना है। फिलहाल देश में उपलब्ध ACs को 16°C या 18°C तक भी सेट किया जा सकता है, जिससे बिजली की खपत अधिक होती है और ऊर्जा ग्रिड पर दबाव बढ़ता है।

क्या है नया प्रस्ताव?

दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार AC तापमान को लेकर नए मानक लागू करने की तैयारी में है। यह प्रस्ताव निजी आवासों से लेकर वाणिज्यिक भवनों तक—सभी जगहों पर लागू किया जा सकता है। AC निर्माता कंपनियों को अपने उत्पादों में सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर बदलाव कर तापमान को इसी सीमा में सीमित करना होगा।

उपभोक्ताओं पर क्या असर पड़ेगा?

ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी के अनुसार, हर एक डिग्री तापमान बढ़ाने पर लगभग 6% ऊर्जा की बचत की जा सकती है। यानी यदि कोई उपभोक्ता AC को 16°C के बजाय 20°C पर चलाता है, तो वह करीब 24% बिजली की खपत घटा सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि कम तापमान सेट करने से कमरा जल्दी ठंडा नहीं होता, बल्कि AC को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इसके उलट, यदि तापमान 20°C पर सेट किया जाता है तो कमरे में जल्दी संतुलित ठंडक बनती है और बिजली भी कम लगती है।

कितनी होगी ऊर्जा की बचत?

ऊर्जा मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, 20°C से कम तापमान पर प्रतिबंध लगाने से करीब 3 गीगावॉट बिजली की बचत संभव है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया बर्कले की एक स्टडी में यह अनुमान लगाया गया है कि भारत इस तरह के कदम से वर्ष 2035 तक 60 गीगावॉट बिजली बचा सकता है, जिससे करीब 7.5 लाख करोड़ रुपये के नए पावर प्लांट और ग्रिड सिस्टम की लागत बच सकती है।

दुनिया में AC के तापमान को लेकर क्या हैं नियम?

भारत से पहले कई देशों ने AC के तापमान को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं:

  • जापान: ऑफिसों में 28°C पर AC चलाने की हिदायत, कर्मचारियों को आरामदायक कपड़े पहनने की अनुमति।

  • स्पेन: गर्मियों में ऑफिस और दुकानों में AC का तापमान 27°C से नीचे नहीं।

  • दक्षिण कोरिया: जून से सितंबर तक 26°C से कम पर AC चलाना प्रतिबंधित।

  • सिंगापुर: घरों और दफ्तरों में 25°C या उससे अधिक तापमान की सिफारिश।

  • अमेरिका: ऊर्जा विभाग 25°C तापमान रखने की सलाह देता है, लेकिन निर्णय उपभोक्ता पर।

  • चीन: गर्मियों में 26°C से कम और सर्दियों में 20°C से ज्यादा तापमान न रखने की सिफारिश।

क्या बदल जाएगा अगर यह नियम लागू होता है?

  • बाजार में बिकने वाले सभी नए ACs की तापमान सीमा 20°C से 28°C तक तय होगी।

  • उपभोक्ताओं को ज़रूरत से ज्यादा ठंडे तापमान की आदत से बाहर आना पड़ेगा।

  • बिजली की खपत में बड़ी कटौती होगी।

  • कोयले पर आधारित बिजली उत्पादन में कमी आ सकती है, जिससे प्रदूषण घटेगा।

  • उद्योग जगत को अपने उपकरणों में बदलाव करना होगा।

सुनिश्चित बचत: ऊर्जा सुरक्षा की ओर भारत का बड़ा कदम

भारत सरकार का यह प्रस्ताव न केवल ऊर्जा बचत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, बल्कि इससे पर्यावरण को भी राहत मिलेगी। भीषण गर्मी में AC अब भी राहत देगा, लेकिन संयम के साथ। आने वाले समय में यदि यह नियम लागू होता है, तो यह भारत को ऊर्जा सुरक्षा की ओर और मजबूत बना सकता है।

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