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वैश्विक मंच पर देश की इस IIT को मिला सम्मान, QS रैंकिंग में आई 123वीं पोज़िशन!

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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली (IIT Delhi) ने वैश्विक मंच पर एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। प्रतिष्ठित QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में संस्थान ने 123वीं रैंक के साथ शीर्ष 150 संस्थानों में मजबूती से जगह बनाई है। पिछले साल की तुलना में यह 27 पायदान की छलांग है – वर्ष 2025 में इसकी रैंकिंग 150 थी। इस सूची में एक ओर जहां IIT दिल्ली ने शानदार प्रदर्शन किया, वहीं IIT बॉम्बे को 11 स्थान की गिरावट के साथ 129वां रैंक मिला है। हालांकि, शोध और रोजगारपरक प्रदर्शन के चलते दोनों ही संस्थान दुनिया के टॉप 130 में बने रहने में सफल रहे हैं।

क्या है QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग? 

QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग दुनिया की सबसे भरोसेमंद और व्यापक रैंकिंग मानी जाती है, जो दुनिया भर के टॉप कॉलेजों और यूनिवर्सिटी का मूल्यांकन करती है। यह रैंकिंग 1.5 लाख से ज़्यादा प्रोफेसरों और 1 लाख नियोक्ताओं (कंपनियों) की राय और 1.64 करोड़ रिसर्च पेपर्स के आंकड़ों पर आधारित होती है। इसमें पढ़ाई का अनुभव, टीचर्स की योग्यता, रिसर्च का स्तर और विदेशों से यूनिवर्सिटी के जुड़ाव जैसे पहलुओं को देखा जाता है। इसका मकसद छात्रों को अच्छी यूनिवर्सिटी चुनने और बेहतर करियर की दिशा में आगे बढ़ने में मदद करना है।

भारत की हिस्सेदारी में 318% की वृद्धि

पिछले एक दशक में भारतीय उच्च शिक्षण संस्थानों की वैश्विक रैंकिंग में भागीदारी 318% तक बढ़ी है। जहां 2015 में केवल 11 भारतीय संस्थान QS रैंकिंग में शामिल थे, वहीं 2026 की सूची में यह संख्या 54 तक पहुंच गई है। भारत G-20 देशों में सर्वाधिक प्रगति करने वाला देश बनकर उभरा है।

शोध कार्यों में मजबूती, विदेशी छात्रों की चुनौती

IIT दिल्ली को शोध कार्यों में बेहतरीन प्रदर्शन का लाभ मिला है, जिससे उसकी रैंक में भारी सुधार हुआ है। हालांकि, एक प्रमुख चिंता यह रही कि इस वर्ष 78% भारतीय विश्वविद्यालयों में अंतरराष्ट्रीय छात्र अनुपात में गिरावट दर्ज की गई। यह पहलू रैंकिंग में 5% वेटेज रखता है और भारतीय संस्थान इस वर्ग में पिछड़ते नजर आए। अकेली एमिटी यूनिवर्सिटी, नोएडा ने इस श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 540वां स्थान पाया। IIT जैसे संस्थान भी इस पैरामीटर में टॉप 1200 में जगह नहीं बना सके।

छात्र-शिक्षक अनुपात में सुधार की दरकार

छात्र-शिक्षक अनुपात की श्रेणी में भारत से सिर्फ ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी ने टॉप 350 में जगह बनाई है, जिसकी रैंकिंग 257 रही। यह इंगित करता है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए संस्थानों को संकाय वृद्धि की दिशा में गंभीर प्रयास करने होंगे।

टॉप रैंकिंग भारतीय संस्थान और उनकी प्रगति

संस्थान रैंक (2026) रैंक (2025) सुधार / गिरावट
IIT दिल्ली 123 150 +27
IIT बॉम्बे 129 118 -11
IIT मद्रास 180 227 +47
IIT कानपुर 222 263 +41
IIT खड़गपुर 215 222 +7
IISc बेंगलुरू 219 211 -8
दिल्ली विश्वविद्यालय 328 328 यथावत
IIT गुवाहाटी 334 334 यथावत
IIT रुड़की 335 339 +4
अन्ना यूनिवर्सिटी 383 465 +82
बीएचयू 1001–1200 1001–1200 यथावत

इस साल QS रैंकिंग में 8 भारतीय संस्थानों की नई एंट्री हुई है, जिनमें शामिल हैं:

  • IIT गांधीनगर

  • अशोका यूनिवर्सिटी (हरियाणा)

  • मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज

  • गलगोटिया यूनिवर्सिटी (नोएडा)

  • लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (पंजाब)

कंपनियों में भारतीय संस्थानों की अच्छी छवि

नौकरी देने वाली वैश्विक कंपनियों में भी भारतीय संस्थानों की साख बढ़ी है। IIT दिल्ली, बॉम्बे, मद्रास, कानपुर और सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी को टॉप 100 एम्प्लॉयर रेप्युटेशन रैंकिंग में जगह मिली है। दिल्ली व मुंबई विश्वविद्यालयों के छात्र भी रोजगार के लिहाज से टॉप पर रहे हैं।

QS CEO का बयान: भारत शिक्षा में बना रहा वैश्विक पहचान

QS की CEO जेसिका टर्नर ने कहा कि भारत अब उच्च शिक्षा के वैश्विक मानचित्र पर निर्णायक भूमिका निभा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत जो सुधार हुए हैं, वे भारत को फिर से "विश्वगुरु" की राह पर ले जा रहे हैं।उन्होंने कहा कि “2035 तक 50% ग्रॉस एनरोलमेंट अनुपात का लक्ष्य हासिल करने के लिए भारत को उच्च शिक्षा में समावेश, नवाचार और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की दिशा में लगातार प्रयास करने होंगे।”

रिसर्च और इनोवेशन में भारत की मजबूती

QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है कि वे शोध, रोजगार, और नवाचार में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन विदेशी छात्रों को आकर्षित करने और फैकल्टी अनुपात जैसे क्षेत्रों में अभी भी सुधार की आवश्यकता है। यदि इन बिंदुओं पर ठोस काम किया जाए, तो भारत जल्द ही वैश्विक शिक्षा में शीर्ष पर दिखाई दे सकता है।

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