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'अग्निवीर योजना’ शुरू वाले अजय कुमार बने UPSC चेयरमैन, इस बड़े पद की निभा चुके हैं जिम्मेदारी!

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भारत के सबसे प्रतिष्ठित चयन आयोग UPSC को नया नेतृत्व मिल गया है। पूर्व रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार को यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) का नया चेयरमैन नियुक्त किया गया है। उनका कार्यकाल अक्टूबर 2027 तक रहेगा। 14 मई को इस नियुक्ति की आधिकारिक घोषणा की गई, जिसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूरी दी है। यूपीएससी चेयरमैन का पद 29 अप्रैल को प्रीति सूदन के कार्यकाल समाप्त होने के बाद से खाली था।

CDS, अग्निवीर और रक्षा क्षेत्र में बड़े बदलावों के जनक

डॉ. अजय कुमार को देश की सुरक्षा नीति, डिजिटल परिवर्तन और प्रशासनिक नवाचारों का मास्टरमाइंड कहा जाए तो गलत नहीं होगा। वह चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जैसे ऐतिहासिक पद की रचना करने वाले मुख्य अधिकारियों में शामिल रहे हैं। उन्होंने ही अग्निवीर योजना’ शुरू की और ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों के पुनर्गठन में निर्णायक भूमिका निभाई।

कौन हैं डॉ. अजय कुमार?

  • 1985 बैच के केरल कैडर के रिटायर्ड IAS अधिकारी हैं।

  • अगस्त 2019 से अक्टूबर 2022 तक भारत के रक्षा सचिव रहे, जो अब तक का सबसे लंबा कार्यकाल है।

  • इलेक्ट्रॉनिक्स और IT मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव रह चुके हैं।

  • राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) के महानिदेशक भी रहे।

  • UPI, आधार, myGOV और Government e-Marketplace (GeM) जैसे डिजिटल इंडिया के प्रमुख प्रोजेक्ट्स में अहम भूमिका निभाई।

  • नेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स पॉलिसी 2012 की नींव रखी।

पढ़ाई और तकनीकी दक्षता

डॉ. कुमार की तकनीकी और शैक्षणिक पृष्ठभूमि बेहद प्रभावशाली है:

  • IIT कानपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में B.Tech

  • USA की यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा से PhD इन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, साथ ही अप्लाइड इकोनॉमिक्स में मास्टर्स

  • भारतीय राष्ट्रीय इंजीनियर्स अकादमी के फेलो रह चुके हैं।

प्रशासनिक करियर की शुरुआत केरल की KELTRON कंपनी से की और वे पलक्कड़ जिले के कलेक्टर भी रह चुके हैं।

UPSC में अब क्या बदलाव आएंगे?

UPSC देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक सिविल सर्विस एग्जाम आयोजित करता है, जिसके जरिए IAS, IPS, IFS जैसे अधिकारी चुने जाते हैं। डॉ. अजय कुमार के नेतृत्व में UPSC से जुड़ी नीतियों और प्रक्रियाओं में तकनीकी नवाचार, पारदर्शिता और डिजिटल दक्षता के और अधिक विस्तार की उम्मीद जताई जा रही है। वर्तमान में UPSC में कुल 10 सदस्य होते हैं, जिसमें चेयरमैन प्रमुख होता है। फिलहाल दो पद खाली हैं। डॉ. अजय कुमार के साथ अनुराधा प्रसाद को भी नया सदस्य नियुक्त किया गया है।

रिटायरमेंट के बाद भी सक्रिय

रिटायरमेंट के बाद डॉ. कुमार सिर्फ आराम नहीं कर रहे थे — वो कई स्टार्टअप्स के मेंटॉर, आईटी सलाहकार और शिक्षा जगत से जुड़े रहे हैं:

  • MGF-कवच के फाउंडर, जिसके लिए वे 250 करोड़ रुपये का निवेश फंड जुटा चुके हैं।

  • IIT कानपुर में विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में अध्यापन कर रहे हैं।

  • केरल सरकार के IT विभाग में प्रमुख सचिव के तौर पर भी काम कर चुके हैं।

UPSC को मिला विजनरी लीडर

डॉ. अजय कुमार की नियुक्ति केवल एक प्रशासनिक बदलाव नहीं, बल्कि UPSC के लिए एक नए युग की शुरुआत मानी जा रही है। जिस अधिकारी ने देश की रक्षा और डिजिटल संरचना को नई दिशा दी, वह अब भारत के भविष्य के अफसरों के चयन की जिम्मेदारी संभालेंगे। उनका अनुभव और दृष्टिकोण, UPSC को और अधिक दृढ़, आधुनिक और परिणाम-केंद्रित संस्था बना सकता है।

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