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सारनाथ से रिंग रोड तक बनेगी फोर लेन एलिवेटेड रोड, डीपीआर तैयार, पर्यटन और अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा

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सारनाथ में पर्यटन को बढ़ावा देने और बौद्ध सर्किट को जोड़ने के लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान से रिंग रोड तक फोरलेन एलिवेटेड रोड बनाने की योजना बनाई गई है। इस रोड की लंबाई लगभग डेढ़ किलोमीटर होगी और इसमें रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) भी होगा। इस रोड के निर्माण से सारनाथ के आवागमन में और पर्यटकों को बौद्ध सर्किट तक पहुंचने में आसानी होगी। दरअसल सारनाथ में अक्सर जलभराव की समस्या होती है। मिट्टी डालकर सड़क बनाने में ज्यादा खर्च आएगा और यह जल्दी खराब भी हो जाएगी। जिसके मद्देनजर एलिवेटेड रोड बनाने से इन समस्याओं का समाधान हो जाएगा।

बीते दिनों मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने राजकीय सेतु निगम को सर्वे कर प्रस्ताव तैयार करने को कहा था। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) और राष्ट्रीय राजमार्ग परिवहन प्राधिकरण (एनएचएआइ) के सहयोग से अब तक इसके लिए 300 करोड़ रुपये की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनकर तैयार हो गई है। इस डीपीआर में रोड के निर्माण की सभी तकनीकी जानकारी शामिल है। इस डीपीआर को शासन को भेजा जाएगा। शासन की मंजूरी मिलते ही रोड का निर्माण शुरू हो जाएगा। इस रोड का निर्माण 2023-24 में पूरा होने की उम्मीद है। इस एलिवेटेड रोड के निर्माण से सारनाथ में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन जाएगा। 

इस रोड से होने वाले लाभ:
बौद्ध सर्किट तक पहुंच आसान: सारनाथ, बोध गया, कुशीनगर और लुंबिनी चार प्रमुख बौद्ध तीर्थस्थल हैं। सारनाथ से रिंग रोड तक एलिवेटेड रोड के निर्माण से पर्यटकों को इन तीर्थस्थलों तक पहुंचना आसान हो जाएगा। अभी एयरपोर्ट से पर्यटक सीधे सारनाथ जाते हैं। वहां दर्शन-पूजन करने के बाद चंदौली होते हुए बोध गया, कुशीनगर और लुंबिनी रवाना हो जाते हैं। अब इसके बाद सारनाथ से रिंग रोड पहुंच कर पर्यटक वहां से गोरखपुर होते हुए नेपाल भी निकल सकेंगे।

पर्यटन को और अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा: सारनाथ एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। एलिवेटेड रोड के निर्माण से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और सारनाथ एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन जाएगा। दरअसल भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ में रोजाना हजारों की संख्या में देसी-विदेशी पर्यटक आते हैं। जिसमें चीन, तिब्बत, जापान, कंबोडिया, कोरिया, वियतनाम आदि देशों के पर्यटक शामिल हैं। इससे जेनेरेट होने वाले रेवेन्यू से प्रदेश को आर्थिक लाभ भी मिलेगा। 

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