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यूपी के आईटी क्षेत्र में श्रम कानूनों में होगा बड़ा बदलाव, अब कर्मचारियों से लिया जा सकेगा इतने घंटे का काम

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उत्तर प्रदेश में आईटी क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों से एक दिन में 12 घंटे तक काम लिया जा सकेगा। इसके लिए राज्य सरकार जल्द ही श्रम कानूनों में आवश्यक बदलाव करने जा रही है। आईटी इंडस्ट्री की ओर से यह मांग लंबे समय से की जा रही थी कि आईटी कंपनियों में हफ्ते में पांच दिन आठ-आठ घंटे की शिफ्ट होती है, जिससे कर्मचारी केवल 40 घंटे काम करते हैं। जबकि श्रम कानूनों के अनुसार, एक हफ्ते में 48 घंटे काम का प्रावधान है। कंपनियों को एक दिन में आठ घंटे से अधिक काम पर ओवरटाइम देना पड़ता है, जिससे उनके परिचालन पर अतिरिक्त आर्थिक भार पड़ता है।

ओवरटाइम के रूप में मिलेगा अतिरिक्त लाभ-

आईटी इंडस्ट्री की इस समस्या को देखते हुए सरकार ने प्रस्ताव किया है कि अब कंपनियां अपने कर्मचारियों से एक दिन में 12 घंटे तक काम करवा सकेंगी, जिससे काम के 48 घंटे की अवधि को पांच दिन में ही पूरा किया जा सकेगा। यदि कर्मचारी पांच दिन में 60 घंटे काम करते हैं, तो उन्हें 12 घंटे का ओवरटाइम मिलेगा। इससे कंपनियों को भी फायदा होगा और कर्मचारियों को भी अतिरिक्त आय का लाभ मिलेगा।

नए रोजगार के अवसरों में होगी वृद्धि-

इस नए कानून से कंपनियों पर बेवजह का ओवरटाइम खर्च खत्म हो जाएगा, जिससे उनकी परिचालन लागत में करीब 8 फीसदी तक की कमी आएगी। इससे बची राशि का इस्तेमाल कंपनियां नई भर्तियों में कर सकेंगी, जिससे उत्तर प्रदेश में आईटी क्षेत्र में करीब एक लाख नए रोजगार के अवसर पैदा होने की संभावना है।

उत्तर प्रदेश बनेगा आईटी हब-

उत्तर प्रदेश आईटी और आईटीईएस क्षेत्र में तेजी से उभर रहा है। राज्य में पहले से ही 12 लाख से अधिक लोग इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं और नए संशोधनों के बाद यह आंकड़ा और भी बढ़ेगा। वर्तमान में उत्तर प्रदेश सॉफ्टवेयर निर्यात में देशभर में छठे स्थान पर है। 2020-2021 में प्रदेश का सॉफ्टवेयर निर्यात 28 हजार करोड़ रुपये था, जो अब 50 हजार करोड़ रुपये को पार कर चुका है। इस नए श्रम कानून संशोधन से उम्मीद है कि आईटी सेक्टर का प्रदेश में और विस्तार होगा और सॉफ्टवेयर निर्यात में भी वृद्धि होगी।

सरकार को मिलेगा ज्यादा राजस्व-

श्रम कानून में बदलाव का यह प्रस्ताव सरकार द्वारा सैद्धांतिक रूप से मान लिया गया है। इससे न केवल इंडस्ट्री को आर्थिक राहत मिलेगी, बल्कि श्रम कानूनों की सुरक्षा भी बनी रहेगी। राज्य में आईटी क्षेत्र के विस्तार से न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि सरकार के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी।

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