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उत्तरप्रदेश में नगर निकाय चुनाव का बिगुल बज गया है। इसी बीच ओबीसी कोटा प्रदान करने के लिए यूपी राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा एक रिपोर्ट जारी किया गया है। इस रिपोर्ट से इस बात का खुलासा हुआ है कि राज्य के शहरी हिस्सों में ओबीसी की संख्या 37 प्रतिशत से 41 प्रतिशत के बीच है। पिछड़ा वर्ग आयोग के इस रिपोर्ट में यूपी की शहरी आबादी 4.78 करोड़ आंकी गई है। आयोग के रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य के छोटे शहरो में बड़े शहरों के मुकाबले ओबीसी की संख्या अधिक है। इस रिपोर्ट के जारी होने से पहले आयोग ने यूपी के तमाम राजनैतिक दलों को सुझाव के लिए आमंत्रित किया था। जिसमे भाजपा, सपा और रालोद ने भाग लिया था। बाकी के दल बसपा, भाकपा, आम आदमी पार्टी शामिल नहीं हुई जबकि कांग्रेस को निमत्रण नहीं मिला था। इस संबंध में आयोग का कहना है कि निमंत्रण देने गए आयोग के लोगो को पार्टी दफ्तर में कोई भी नहीं मिला। आयोग के तरफ से जारी रिपोर्ट के मुताबिक 1.76 करोड़ ओबीसी (कुल 37 प्रतिशत), सामान्य वर्ग के 2.4 करोड़ सदस्य हैं, जिनमें मुस्लिम (49 प्रतिशत), 65 लाख एससी (14 प्रतिशत) और 1.03 लाख एसटी हैं।
सामाजिक और शैक्षिक दोनों बाधाओं का सामना कर रहा ओबीसी
आयोग ने कहा कि ओबीसी की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है और समुदाय को सामाजिक और शैक्षिक दोनों बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है। इसी को देखते हुए आयोग ने 27 प्रतिशत आरक्षण की सिफारिश की है। आपको बता दें कि 17 नगर निगमों में, ओबीसी की हिस्सेदारी 25.58 प्रतिशत है, जबकि 200 नगर पालिकाओं और 545 नगर पंचायतों में, उनकी आबादी अच्छी है क्योंकि ओबीसी समुदाय के सदस्य क्रमश 42.29 प्रतिशत और 49.55 प्रतिशत हैं। सबसे महत्वपूर्ण जब ओबीसी को आरक्षण देने की बात आई तो तीन राजनीतिक दल एक साथ थे और समुदाय के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण की मांग पर सभी सहमत थे। आयोग इस समय रोटेशन प्रक्रिया में हुई समस्याओं को लेकर चिंचित हैं।
Baten UP Ki Desk
Published : 14 April, 2023, 4:17 pm
Author Info : Baten UP Ki